- नीतीश कुमार कई दिनों से BJP से थे नाराज, 9 अगस्त 2022 को कर लिया किनारा
- बिहार में एक बार फिर से बनी महागठबंधन की सरकार, 8वीं बार CM बने सुशासन बाबू
- साल 2000 से लेकर अब तक कुल सात बार मुख्यमंत्री पद की गद्दी चुके हैं संभाल
Nitish Kumar took oath as Bihar CM for 8th time: सियासी तौर पर बेहद अहम माने वाले बिहार में फिर से महागठबंधन की सरकार बनी है। बुधवार (10 अगस्त, 2022) को जेडीयू के नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली, जबकि उनके साथ आरजेडी के तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। पांच साल बाद दोबारा जेडीयू और आरजेडी साथ आए। पूरे घटनाक्रम की सबसे रोचक बात यह है कि वहां गठबंधन और सरकार भले ही बदल गई हो, पर सीएम इस बार भी सुशासन कुमार ही बने। वैसे, इससे पहले भी ऐसे कई मौके आए जब सियासी भूचालों और उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरने के बाद भी नीतीश मुख्यमंत्री के सिंहासन पर जमे रहे। आइए, जानते-समझते हैं ऐसा कैसे और कब-कब हुआ:
पहली पारी: 3 मार्च 2000- 10 मार्च 2000
नीतीश कुमार की पहली सरकार केवल 7 दिन ही चल पाई। उन्होंने 3 मार्च 2000 को मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया था। लेकिन 10 मार्च को उनकी सरकार गिर गई। विधानसभा में बहुमत साबित ना कर पाने के बाद नीतीश कुमार को इस्तीफा देना पड़ा था।
दूसरी पारी: 24 नवंबर 2005- 24 नवंबर 2010
बिहार में JDU और बीजेपी की जोड़ी ने पहली बार एक साथ पांच साल तक सरकार चलाई। पहले फरवरी में चुनाव हुए थे, लेकिन किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। आखिरकार लालू यादव की पहल पर विधानसभा भंग कर दी गई।
6 महीने बाद जब अक्टूबर 2005 में चुनाव हुए तो JDU और बीजेपी की जोड़ी ने 143 सीट हासिल किए। JDU के खाते में 88 सीटें आए और नीतीश कुमार को सीएम बनाया गया।
तीसरी पारी: 25 नवंबर 2010- 19 मई 2014
साल 2010 में NDA ने एक बार फिर बहुमत की सरकार बनाई। JDU ने अकेले 115 सीट अपने नाम की। नीतीश कुमार ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तीन सालों तक सरकार अच्छी तरह चली। लेकिन साल 2013 में NDA की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर नीतीश ने नाराजगी जताई । नतीजा ये रहा कि उन्होंने इसी साल बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया।
ठीक एक साल बाद लोकसभा चुनाव हुए। साल 2014 लोकसभा चुनाव में JDU के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। तब जीतन राम मांझी को विधायक दल का नेता चुना गया था।
चौथी पारी: 22 फरवरी 2015- 19 नवंबर 2015
जीतन राम मांझी के साथ विवाद बढ़ने के बाद नीतीश ने 10 महीने के अंदर ही प्रदेश की कमान वापस अपने हाथ में ले ली। उन्होंने चौथी बार बिहार के CM पद की शपथ ली। नवंबर 2015 तक उनके नेतृत्व में सरकार चली।
पांचवीं पारी: 20 नवंबर 2015- 26 जुलाई 2017
साल 2015 का बिहार चुनाव ऐतिहासिक था। इस बार JDU, RJD और कांग्रेस ने हाथ मिलाया था। बीजेपी के खिलाफ तीनों पार्टियां साथ आ गए। इसे महागठबंधन का नाम दिया गया।
महागठबंधन को जनता का साथ भी मिला। RJD ने सबसे ज्यादा 80 सीटें जीती। JDU के हिस्से 71 और कांग्रेस के खाते में 27 सीट आए। बीजेपी महज 53 सीटों पर सिमटकर रह गई। एक बार फिर नीतीश ने पावर अपने हाथ में ली। 2015 में उन्होंने पांचवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली।
छठी पारी: 27 जुलाई 2017- 12 नवंबर 2020
महागठबंधन की सरकार ज्यादा दिन नहीं चली। 2 साल के अंदर ही JDU और RJD के रास्ते अलग हो गए। लेकिन नीतीश का कद नहीं घटा। RJD को छोड़ उन्होंने BJP का हाथ थाम लिया। साल 2017 में एक बार फिर उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सातवीं पारी: 16 नवंबर 2020- 9 अगस्त 2022
20 साल के अंदर नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। 2020 के चुनाव में बीजेपी और JDU फिर साथ आए थे। हालांकि इस बार JDU केवल 43 सीटें ही जीत पाई। 77 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी। लेकिन बीजेपी ने नीतीश पर भरोसा जताते हुए उन्हें ही सीएम पद सौंपा। लेकिन 2 साल बाद नीतीश ने वापस महागठबंधन का रूख कर लिया। 9 अगस्त 2022 को बिहार में एक बार फिर बीजेपी और JDU अलग हो गए।
आठवीं पारी: 10 अगस्त 2022
2022 में भले ही बिहार में सरकार दोबारा बदली हो। लेकिन सीएम का चेहरा नीतीश कुमार ही हैं। नीतीश ने एक बार फिर प्रदेश की कमान अपने हाथों में ली है। हालांकि इस बार उनके साथी RJD और कांग्रेस हैं।