- केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी
- हिमाचल प्रदेश में मछली, मुर्गे व अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया
- बिहार, झारखंड व उत्तराखंड में राज्य सरकारों ने सतर्कता बरतते हुए अलर्ट जारी किया
देश में जारी कोरोना महामारी के बीच देश के कुछ राज्य 'वर्ड फ्लू' (Bird Flu) की जद में आते जा रहे हैं और ये दायरा बढ़ता ही जा रहा है, बताया जा रहा है कि दक्षिण के अहम राज्य केरल में भी वर्ड फ्लू के मामले दर्ज किए गए हैं। केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास 1 किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और दूसरे घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश जारी किया है।
मध्यप्रदेश सरकार ने इंदौर में मरे हुए कौओं में घातक वायरस पाए जाने के बाद राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी किया साथ ही प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं। बर्ड फ्लू को केरल में राज्य-विशिष्ट आपदा के रूप में घोषित किया गया है और कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ़्लू के प्रकोप की पुष्टि होने के बाद हाई अलर्ट जारी किया गया है।
हालात की निगरानी रखने के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, वन, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री के राजू ने बताया कि अलापुझा और कोट्टायम जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। हालांकि, इससे इंसानों के संक्रमित होने की कोई संभावना नहीं है।
झालावाड जिले में विकराल रूप ले रहा है बर्ड फ्लू
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि झालावाड जिले में अब तक कुल 138 पक्षियों की मौत हो चुकी है।जिसमे कौव्वों ,मुर्गियों बगुले ओर कोयल शामिल है।सोमवार को झालावाड जिले में कुल 22 पक्षियों की मौत हुई है वहीं मंगलवार सुबह तक कुल 10 पक्षियों की मौत के नए मामले सामने आए है।मृत पक्षियों के सैम्पल को जांच के लिए जयपुर लेबोरेटरी में भिजवाए जा रहे है वहीं गड्डा खोदकर उनका डिस्पोजल भी किया जा रहा है।
उधर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में विदेशी परिंदों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है। भोपाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान ने विदेशी परिंदों की एच5एन1 फ्लू से मौत की पुष्टि की है। पौंग झील में अब तक 15 प्रजातियों के 1700 से अधिक विदेशी परिंदे दम तोड़ चुके हैं यहां पर्यटन गतिविधियों को बंद कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मछली, मुर्गे व अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध
बिहार, झारखंड व उत्तराखंड में राज्य सरकारों ने सतर्कता बरतते हुए अलर्ट जारी किया है। बताया जाता है कि एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाली इस बीमारी से पक्षी ही नहीं, मनुष्य भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी बरतते हुए हिमाचल प्रदेश में मछली, मुर्गे व अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कांगड़ा के इंदौरा फतेहपुर,देहरा और जवाली आदि स्थानों पर चिकन और अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
राजस्थान में जारी है प्रकोप का असर
राजस्थान में बर्ड फ्लू के चलते कौओं की मौत का सिलसिला जारी है। सोमवार को भी प्रदेश में 110 पक्षियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 500 से अधिक कौओं की मौत हो चुकी है। राजस्थान में झालावाड़ के राडी के बालाजी मंदिर परिसर में कौवो की मौत होना शुरू हुई तो एक किलोमीटर के इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ गया, झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी।
मध्य प्रदेश में वर्ड फ्लू के मामले आए सामने
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू को लेकर डर फैला हुआ है, राज्य के तीन जिलों में बीते एक हफ्ते में सैकड़ों कौए मृत पाए गए हैं,मंदसौर और खरगौन जिलों में कौए मृत पाए गए हैं जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।राजस्थान की सीमा से सटे मंदसौर में पिछले तीन दिन में 200 से ज्यादा कौए मृत पाए गए, इनमें से अधिकतर मंदसौर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट परिसर में पाए गए इसके अलावा खरगौन के कसरावाड क्षेत्र में पिछले दो दिन में 20 कौए मृत मिले और इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है।
बीमारी से पक्षी ही नहीं, इंसान भी प्रभावित हो सकते हैं
वहीं गुजरात के जूनागढ़ के बांटवा गांव में 2 जनवरी को बतख-टिटहरी-बगुला समेत 53 पक्षियों की मौत हो गई थी, बर्ड फ्लू की आशंका के चलते इनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। बताते हैं कि इस बीमारी से पक्षी ही नहीं, इंसान भी प्रभावित हो सकते हैं। मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के पास रहने इन्सान पीड़ित हो सकते हैं और इसका वायरस आंख, मुंह और नाक के जरिये इन्सानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद झारखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि पशुपालन विभाग ने साफ किया है कि अभी राज्य में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है।
राजस्थान में राज्य स्तरीय नियंत्रण स्थापित
राजस्थान में पिछले दिनों सैंकड़ों पक्षियों की मृत्यु की जांच में बर्ड फ्लू के नमूने मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने इससे निपटने के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण स्थापित किया है।रविवार को यहां के प्रतिष्ठित जल महल में सात कौवे मृत पाए थे। राज्य में मृत पक्षियों की संख्या 252 पहुंच गई है।
पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया, 'वायरस खतरनाक है और आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। सभी क्षेत्राधिकारियों और पोल्ट्री फार्म मालिकों को सतर्क रहने को कहा गया है। सभी स्थलों, विशेष रूप से तराई वाले क्षेत्रों, सांभर झील और कैला देवी पक्षी अभयारण्य में प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की गई है।'