- एलएसी के समीप अपनी सैन्य स्थिति मजबूत करने में जुटा है चीन
- सीमा के समीप सैनिकों के रहने के लिए कंटेनर से निर्माण किया है
- जाहिर है कि आने वाले समय में वह एक बार फिर तनाव बढ़ा सकता है
नई दिल्ली : सीमा पर चीन के मंसूबे ठीक नहीं हैं। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास अपनी सैन्य स्थिति और मजबूत करने और अपने एयरबेस को उन्नत करने में जुटा हुआ है। गलवान घाटी की हिंसक घटना के बाद एलएसी पर भारत और चीन के करीब 18 महीने तक तनाव रहा। शीर्ष सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों ने संवेदनशील जगहों से अपने सैनिकों को पीछे बुलाने पर सहमत हुए लेकिन बीजिंग की तरफ से एलएसी पर नए सिरे से सैनिकों की तैनाती उसकी नीयत पर सवाल खड़े कर रही है।
कंटेनर आधारित किए निर्माण
टीओआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ताजा निगरानी एवं खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कम से कम अपने आठ अग्रिम मोर्चों पर अपने सैनिकों के रहने के लिए कंटेनर आधारित ठिकानों का निर्माण किया है। सूत्रों का कहना है कि चीन की ये सभी गतिविधियां पूर्वी लद्दाख के दूसरी तरफ हो रही हैं।
अग्रिम मोर्चों पर सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा चीन
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि सैनिकों के रहने के लिए ये नवनिर्मित ठिकाने उत्तर में काराकोरम दर्रे के समीप वहाब जिल्गा से लेकर पिउ, हॉट स्प्रिंग, चांग ला, ताशिगॉन्ग, मांजा एवं चुरुप तक बनाए गए हैं। सूत्र का कहना है कि 'प्रत्येक स्थान पर सात कलस्टरों में 80 से 84 कंटेनर बनाए गए हैं।' पिछले साल अप्रैल-मई में सीमा पर विवाद शुरू होने के बाद चीन ने एलएसी के समीप अपने सैनिकों की तादाद बढ़ाई है और उनके रहने के लिए नए निर्माण किए हैं। लेकिन पीएलए की तरफ से यह ताजा कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि चीन आने वाले समय में अग्रिम मोर्चों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने की मंशा नहीं रखता है।
एलएसी के दोनों तरफ अभी भी बड़ी संख्या सैनिक मौजूद
रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि 'हम लद्दाख में सैनिकों की तैनाती की आंच महसूस कर सकते हैं लेकिन हमने पीएलए को अंग्रिम मोर्चे से पीछे जाने और अत्यधिक निर्माण रोकने के लिए मजबूर भी किया है। इससे पीएलए जवानों के मनोबल पर बुरा असर पड़ा है। हमारे जवान मौसम की विपरीत दशाओं में अभियान चलाने में अभ्यस्त हैं जबकि चीनी सैनिकों के पास ऐसा अनुभव नहीं है।' भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव भले ही कम हुआ है लेकिन एलएसी के पास दोनों देशों ने अपने करीब 50,000-50,000 सैनिकों को तैनात कर रखा है। दोनों देशों के ये सैन्य ठिकानें तोप, टैंक और मिसाइलों से लैस हैं।