- भारतीय जमीन पर चीनी कब्जे पर एक बार फिर कांग्रेस ने उठाए सवाल
- कांग्रेस ने पूछा कि रक्षामंत्री ने क्यों कहा कि बातचीत से नहीं भी सुलझ सकता है मामला
- चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार और बीजेपी भ्रमजाल क्यों बून रही है।
नई दिल्ली। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख के दौरे पर थे। उन्होंने पैंगोंग से लेक के करीब जवानों की हौसलाआफजाई की और एक बात कही जिस पर कांग्रेस को आपत्ति है। कांग्रेस अब रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देकर पूछ रही है पीएम मोदी बताएं कि क्या चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा नहीं किया है। अगर बातचीत नाकाम रही तो आगे का रास्ता क्या होगा। दरअसल रक्षा मंत्री ने कहा था कि वो पुख्ता तौर पर यह नहीं कह सकते कि बातचीत से ही रास्ता निकलेगा। लेकिन भारतीय फौज और राजनैतिक नेतृत्व हर तरह का मुकाबला करने के लिए तैयार है।
कोर कमांडर स्तर की बातचीत में नहीं बनी थी पूरी सहमति
कोर कमांडर स्तर की बातचीत में गोगरा और गलावान से दोनों देशों की सेनाओं को पूरी तरह से हटने पर सहमति बनी। लेकिन सूत्र बताते हैं कि फिंगर एरिया को लेकर गतिरोध बरकरार है। बातचीत में चीनी पक्ष की बातचीत का सार यह था कि वो शायद फिंगर एरिया छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि फिंगर इलाके में भी अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल करनी होगी।
मोदी सरकार से कांग्रेस के पांच सवाल
- देश के लगभग हर समाचार पत्र,आर्मी जनरल व सैटेलाईट तस्वीरे व अब रक्षा मंत्री के बयान द्वारा मोदी जी के हमारी सीमा में घुसपैठ न होने के दावे क्यों झुठलाया जा रहा है?
- क्या पीएम जी ने सर्वदलीय बैठक को चीनी घुसपैठ के बारे में सही तथ्य नहीं बताए?
- देश के रक्षा मंत्री के इस बयान का क्या मतलब है कि चीन से बातचीत के द्वारा हल की कोई गारंटी नहीं है? क्या चीनी कब्जे को स्वीकार करते हुए मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि वो इसका हल नहीं निकाल सकते?
- क्या चीन अब भी डेपसाँग सेक्टर व दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में निर्माण कर रहा है? भारत की सीमा में हो रहे इस चीनी निर्माण के बारे हमारी सरजमीं की रक्षा हेतु मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है?
- क्या चीन ने अभी भी फिंगर 4 से फिंगर 8 के पैंगोंग त्सो लेक इलाके में कब्जा बना रखा है? चीनी सेना का यह कब्जा छुड़वाने के लिए मोदी सरकार की क्या रणनीति है?मई, 2020 से पहले की यथास्थिति बनाने और चीन को भारतीय सीमा से पीछे धकेलने में कितना समय और लगेगा, आगे का रास्ता क्या है?
रणदीप सुरजेवाला ने लद्दाख के पूर्वी इलाके में चीनी घुसपैठ के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार के बयानों को बिंदुवार बताया कि जून के महीने से अबतक सरकार की तरफ से क्या कुछ बोला गया है।
- 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि - ‘‘न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।
- 26 जून, 2020 की शाम को ही चीन में भारत के राजदूत ने भारत की न्यूज एजेंसी को कहा कि भारत उम्मीद करता है कि ‘चीन अपनी जिम्मेदारी समझकर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में पीछे हट जाएगा.'
- 17 जून, 2020 को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने लिखित तौर से स्वीकार किया कि चीन ने ‘गलवान घाटी’ में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार भारत की तरफ निर्माण किया है।
- 20 जून और 25 जून, 2020 को विदेश मंत्रालय ने अपने बयानों में स्वीकार किया कि चीन ने मई-जून, 2020 में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है।
- 17 और 18 जुलाई, 2020 के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के बाद 17 जुलाई, 2020 को भारत-चीन की परस्पर वार्ता पर ट्वीट किया और कहा कि, ‘‘जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता है।
एक तरफ मोदी सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि भारत के स्वाभिमान के साथ किसी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता है। जहां तक चीन का सवाल है तो भारत सरकार की तरफ एक एक कर कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार किसी भी तरह से और किसी भी मुद्दे पर नहीं झुकने वाली है।