- पूरे देश में कोरोना के केस 56 हजार के पार
- महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित
- रिकवरी रेट में प्रति दिन हो रहा है सुधार
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में रिकवरी रेट 29.36 फीसद है। इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में 3390 केस सामने आए हैं और 1273 लोगों की रिकवरी भी हुई है। लेकिन देश में कोरोना की रफ्तार 56 हजार के पार है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।
एम्स निदेशक के बयान पर यह है सरकारी प्रतिक्रिया
इस मामले में एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि जून तक भारत में कोरोना अपने उच्चतम बिंदू पर होगा। आखिर इसका अर्थ क्या है, क्या कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई ढीली पड़ चुकी है। क्या लॉकडाइउन अपने मकसद में खरा नहीं उतरा है। क्या कुछ राज्यों की वजह से हालात और खराब हो रहे हैं। इन सवालों के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि हमें और सजग रहना होगा। इसका अर्थ यह है कि मौजूदा समय में जो तैयारी की गई है उस पर और ध्यान देने की आवश्यकता है।
राज्यों में भी स्थानीय स्तर पर कोरोना प्रसार
केंद्र सरकार ने बताया कि देश के 216 जिलों में पिछले सात दिनों से कोई केस नहीं है। इसके साथ 28 जिलों में पिछले 14 दिन में कोई केस नहीं है। इसका अर्थ यह है कि एक तरफ मामले जरूर बढ़ रहे हैं लेकिन उसका रूप स्थानीय कह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं और उसमें भी मुंबई की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। अगर बात गुजरात की करें तो अहमहाबाद और सूरत में केस अधिक है। अगर मध्य प्रदेश पर नजर डालें तो इंदौर और उज्जैन एपिसेंटर के तौर पर सामने आया है। लेकिन दिल्ली में कोरोना केस में इजाफा करीब करीब सभी जिलों से आ रहे हैं।
क्या है जानकारों की राय
इस विषय पर कुछ जानकारों से समझने की कोशिश की गई कि एक तरफ रिकवरी रेट में इजाफा और दूसरी तरफ कोरोना केस में बढ़ोतरी हो रही है, आखिर इसके पीछे क्या कारण है। जानकार कहते हैं कि भारत के लिए राहत की बात यही है कि रिकवरी रेट में सुधार धीरे धीरे हो रहा है इसके साथ ही डेथ रेट भी टोटल केस की तुलना में कम है। इससे साफ पता चल रहा है कि जो लोग अस्पतालों में लाए जा रहे हैं उनमें समय रहते कोरोना का डिटेक्शन हो जा रहा है। जहां तक केस बढ़ने की बात है तो इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे कि किसी शख्स में पांचवे दिन लक्षण आता है और वो पिछले पांच दिनों मे जितने लोगों से मिला है उनके कोरोना संक्रमित होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। यही वजह है महाराष्ट्र में केस ज्यादा सामने आ रहे हैं।