- नोएडा पुलिस ने बिहार में फंसे प्रवासियों को ले जाने की कोशिश कर रहे एक बस रैकेट का पर्दाफाश किया
- इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है दोनों बस के चालक हैं
- बिहार के इन लोगों से प्रति व्यक्ति 3000 चार्ज ले रहे थे और उन्हें सुरक्षित पहुंचाने का दावा कर रहे थे
नोएडा: लॉकडाउन में फंसे लोगों की पीड़ा को वही महसूस कर सकता है जो इसका भुक्तभोगी हो, दिल्ली,नोएडा जैसे शहरों में काम की तलाश में आए हजारों मजदूर तालाबंदी के बाद से यहां फंसे हुए हैं और अब उनके सामने रोजी रोटी के संकट के साथ ही जीवन मरण का प्रश्न खड़ा हो रहा है। ऐसे में वो किसी भी कीमत पर अपने प्रदेश वापसी करने को तैयार हैं।
इन्हीं मजबूरियों को फायदा उठाने के लिए तमाम लोग सक्रिय हैं जो ऐसे लोगों को ग्रुप में या 10-20 की तादाद में अपने प्रदेश पहुंचाने के झूठे दावे कर रहे हैं चूंकि सरकार की लॉकडाउन को लेकर सख्ती बेहद ज्यादा है इसलिए ऐसी कोशिश करते लोग पकड़े जा रहे हैं और उन्हें क्वांरटीन किया जा रहा है।
ऐसा ही एक बड़ा मामला दिल्ली से सटे नोएडा में सामने आया है यहां की पुलिस ने बिहार में फंसे प्रवासियों को ले जाने की कोशिश कर रहे एक बस रैकेट का पर्दाफाश किया है इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है दोनों बस के चालक हैं वहीं इन बसों का मालिक फरार है।
इन लोगों से प्रति व्यक्ति 3000 चार्ज ले रहे थे
नोएडा में ये लोग फंसे हुए प्रवासियों को बिहार में वापस ले जा रहे थे, बताया जा रहा है कि ये बिहार के इन लोगों से प्रति व्यक्ति 3000 चार्ज ले रहे थे और उन्हें सुरक्षित पहुंचाने का दावा कर रहे थे।
ये इतने शातिर लोग हैं कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को धोखा देने के लिए डीएम सीवान का फर्जी पत्र बनाया और "बिहार सरकार की जीबी नगर के लिए मुफ्त बस सेवा" का पोस्टर भी बनाया जिससे उनपर शक ना हो।
वो बिहार के ऐसे तमाम लोगों को लेकर बस से रवाना होने ही वाले थे कि नोएडा पुलिस ने उनसे परमीशन पत्र मांगा तो वो डीएम सीवान के नकली लेटर का जेरॉक्स दिखाने लगे।
जब पुलिस ने उनसे ओरिजनल लेटर मांगा तो सारा मामला खुल गया और फिर पुलिस ने कार्रवाई की, बस का मालिक इस दौरान वहां से भाग निकला। दोनों ड्राइवरों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होंने अपराध कबूल कर लिया है। इनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।