- देश में कोरोना वायरस ने अबतक ली है 1000 से ज्यादा लोगों की जान
- मायानगरी मुंबई और राजधानी दिल्ली के हालात है खराब
- सिर्फ मुंबई में 200 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हुई है
तीन मई को लॉकडाउन की अवधि पूरी हो रही है लेकिन कोविड-19 के खतरे एवं उसके प्रसार को देखते हुए सबके मन में यही सवाल है कि इस पाबंदी में कितनी ढील दी जाएगी। मोटे तौर पर यह स्पष्ट हो चुका है कि देश के वे इलाके या जिले जहां कोविड-19 का केस सामने आ रहा है और जहां वायरस फैलने का खतरा बना हुआ है उन इलाकों में सरकार जरा भी ढिलाई बरतने नहीं जा रही है बल्कि इन इलाकों में लॉकडाउन का पालन और सख्ती से कराया जा सकता है। गत 27 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक हुई। इस बैठक में 10 से ज्यादा मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन जारी रखने की सलाह दी।
तीन जोन में बंट सकता है देश
समझा जाता है कि कोविड-19 की ताजा स्थिति का आकलन और समीक्षा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के बारे में फैसला करेंगे। बैठक से यह भी जानकारी निकलकर सामने आई कि सरकार देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटने की सोच रही है। रेड जोन में किसी तरह की छूट नहीं होगी बल्कि लॉकडाउन को और सख्ती से पालन कराया जाएगा। ऑरेंज जोन में थोड़ी-बहुत ढील के साथ लॉकडाउन जारी रहेगा जबकि ग्रीन जोन में सभी तरह की गतिविधियों की इजाजत दी जा सकती है। बैठक में पीएम ने राज्यों को निर्देश दिया है कि रेड जोन से वायरस का संक्रमण किसी भी सूरत में ग्रीन जोन में न होने पाए। पीएम ने कहा है कि कोरोना के साथ जंग के साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ाना होगा।
दिल्ली और मुंबई के हालात अच्छे नहीं
देश में राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र दिल्ली और आर्थिक गतिविधियों की धुरी मुंबई है। दिल्ली और मुंबई देश के दो सबसे बड़े शहर हैं। इन दोनों शहरों में कोविड-19 की स्थिति अच्छी नहीं है। इस बात की उम्मीद कम है कि सरकार तीन मई के बाद इन दोनों शहरों में लॉकडाउन में किसी तरह के ढील देने के बारे में सोचेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी में लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। दिल्ली में कोविड-19 के नए केस मिल रहे हैं। केंटोनमेंट की संख्या बढ़ती जा रही है। ये स्थितियां अनुकूल नहीं कही जा सकतीं। दिल्ली के कई अस्पताल कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं। गत मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के 206 नए मामले सामने आए। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना के संक्रमण पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। राजधानी की यह अच्छी सूरत नहीं कही जा सकती।
अकेले मुंबई में 200 से ज्यादा मौतें
बात करें मुंबई की तो यहां की स्थिति और खराब है। महाराष्ट्र में वायरस के संक्रमण के मामले नौ हजार को पार कर गए हैं। यह राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यह महामारी राज्य में अब तक 400 लोगों की जान ले चुकी है। अकेले मुंबई में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। आने वाले दिनों में आर्थिक राजधानी की हालत में सुधार नहीं हुआ तो देश के आर्थिक विकास का पहिया अपना गति नहीं पकड़ पाएगा। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जरूरी होगा कि मुंबई में जनजीवन पटरी पर उतरे और आर्थिक गतिविधियां फिर से चालू हों। बड़े आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल पर कोरोना का साया है। आर्थिक विकास में भी इन राज्यों की बड़ी भूमिका है।
सोशल डिस्टेंसिंग पर रहेगा जोर
जाहिर है कि दिल्ली और मुंबई के अभी जो हालात हैं, उन्हें देखकर यह नहीं लगता कि सरकार तीन मई के बाद इन दोनों जगहों पर लॉकडाउन में कोई ढील देने जा रही है। या जो थोड़ी-बहुत ढील मिलेगी उसमें भी कई तरह के निर्देशों का पालन करना होगा। इनमें सबसे अहम सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना शामिल है। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ही सरकार इस बीमारी के फैलाव पर रोक लगाने में सफल हुई है। इन दोनों शहरों के लिए सरकार अलग से गाइडलाइन भी जारी कर सकती है। समझा जाता है कि लॉकडाउन खत्म होने से पहले पीएम मोदी एक बार फिर देश को संबोधित करेंगे और लॉकडाउन एवं कोविड-19 की स्थिति पर अपनी बात रखेंगे।