चक्रवाती तूफान ‘निवार’ (Cyclone Nivar) मंगलवार से बृहस्पतिवार के बीच आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों से टकरा सकता है। कहा जा रहा है कि तूफान के 25 नवम्बर को तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों को पार करेगा, मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान हवा की रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है, ऐसे में तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली एनसीएमसी ने संबंधित कार्य से जुड़े सभी लोगों को निर्देश दिया कि वे इस उद्देश्य के साथ काम जारी रखें कि तूफान से कोई भी जनहानि न हो और प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सामान्य स्थिति जल्द बहाल हो।तैयारियों की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ली गई जिसमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्य सचिव भी शामिल हुए।
एहतियात के तौर पर मंगलवार की शाम 1 बजे से 7 जिलों- पुदुकोट्टई, नगाई, तंजावुर, तिरुवरुर, कुड्डलोर, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू में बस सेवाओं को निलंबित कर दिया जाएगा। लोगों को उपरोक्त जिलों में 24 नवंबर और 25 नवंबर को घर में रहने की सलाह दी गई है।
मुख्य सचिवों ने एनसीएमसी को अपनी तैयारियों से अवगत कराया उन्होंने चुनौती से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय के बारे में भी एनसीएमसी को जानकारी दी।भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने वर्तमान स्थिति पर एक प्रस्तुति दी और कहा कि संबंधित राज्यों को स्थिति की जानकारी दी जा रही है।
तटीय शहरों में कई जगहों पर बाढ़ की आशंका
तमिलनाडु के तटीय शहरों में पंबन से लेकर चेन्नई के बीच 24 और 25 नवंबर को भीषण बारिश के साथ तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। इस दौरान तटीय शहरों में कई जगहों पर बाढ़ की आशंका है और भारी बारिश के साथ तूफानी हवाएं तबाही मचा सकती हैं। 24 से 26 नवंबर के बीच चक्रवात से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाके प्रभावित हो सकते हैं।बयान में कहा गया कि बैठक में इस बात पर जोर दिया कि मछुआरों के समुद्र में न जाने से संबंधित परामर्श को कड़ाई से क्रियान्वित किया जाए।
बैठक में कहा गया कि कच्चे मकानों में रहनेवाले लोगों को स्थिति के अनुरूप उपयुक्त परामर्श दिया जा सकता है। गृह, बिजली, दूरसंचार, नागरिक उड्डयन, जहाजरानी और स्वास्थ्य मंत्रालयों के सचिवों तथा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने भी प्रबंधों तथा संबंधित राज्यों को मदद संबंधी जानकारी से एनसीएमसी को अवगत कराया।