- बंगाल में अनवर पाशा ने AIMIM छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है
- पाशा ने आरोप लगाया कि AIMIM ने बिहार में बीजेपी को सत्ता में आने में मदद की
- ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए पाशा ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा धर्मनिरपेक्ष नेता नहीं देखा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हैदराबाद से सांसद व AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है। AIMIM के नेता अनवर पाशा ने पार्टी छोड़कर शनिवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि AIMIM ने बिहार में बीजेपी को सत्ता में आने में मदद करने के लिए ध्रुवीकरण किया। उन्होंने कहा, यह बहुत खतरनाक है और इसकी अनुमति बंगाल में नहीं दी जा सकती।
पाशा ने कहा कि अगर बिहार मॉडल को बंगाल में लागू किया जाता है, तो यहां भारी खून-खराबा होगा, क्योंकि बंगाल में 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक रहते हैं। इसलिए यहां ऐसी ताकतों को रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा, 'बिहार में इन्हें सफलता मिली है और अब ये ताकतें बंगाल में घुसने का प्रयास कर रही हैं। यहां वर्षों से हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई शांति से रह रहे हैं, लेकिन उन्हें बांटने की कोशिश की जा रही है।'
ममता की तारीफ
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए पाशा ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और NRC के खिलाफ आवाज उठाने वाली एकमात्र सीएम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग और राजनीतिक दल ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि अगर वह इमामों को पैसा देती हैं तो वह पुजारियों के साथ भी ऐसा करती हैं।
उन्होंने कहा, 'यदि वह अपना सिर ढकती हैं और आमीन कहती हैं तो वह प्रार्थना करने के लिए मंदिर भी जाती हैं। मैंने अपने जीवन में ऐसा धर्मनिरपेक्ष नेता नहीं देखा है।' पाशा ने पश्चिम बंगाल के मुसलमानों से अपील की कि वे राज्य में बीजेपी को हराने के लिए ममता के साथ आएं।
ओवैसी को पाशा की चेतावनी
पाशा ने ओवैसी को चेतावनी देते हुए कहा कि वह बंगाल का रुख न करें। उन्होंने कहा, 'बंगाल मत आओ, बंगाल को आपकी आवश्यकता नहीं है। अगर आप फिर भी आना चाहते हैं, तो हम आपसे लड़ेंगे।'
बिहार विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित AIMIM प्रमुख ओवैसी ने पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ने की बात कही थी। उन्होंने ममता बनर्जी को चुनाव पूर्व समझौते का प्रस्ताव देते हुए कहा था कि AIMIM चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बीजेपी को हराने में मदद देगी।
यहां उल्लेखनीय है कि AIMIM ने हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य के सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीतकर राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया था।