- नंदीग्राम वोटिंग में गड़बड़ी को लेकर ममता की चिट्ठी पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब
- चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की शिकायत को तथ्यों से परे बताया
- नंदीग्राम में बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी तथा ममता बनर्जी के बीच है मुकाबला
नंदीग्राम: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे चरण के मतदान के दौरान नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब आ गया है। कई मतदान केंद्रों का दौरा किया। आयोग ने यहां गड़बड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए ममता की शिकायत को तथ्यों से परे बताया है। इतना ही नहीं आयोग ने संकेत दिए हैं कि उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं में कार्रवाई के संकेत दिए।
क्या थे आरोप
ममता बनर्जी ने दूसरे चरण के मतदान के दौरान नंदीग्राम के पोलिंग बूथ में जाकर मतदान के दौरान गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे। यहां बीजेपी तथा टीएमसी कार्यकर्ताओं में तनातनी हो गई थी और कथित तौर पर ममता पोलिंग बूथ के अंदर दो घंटे तक फंस गई थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें बाहर निकाला। इस दौरान ममता बनर्जी ने पोलिंग स्टेशन के अंदर से ही राज्यपाल को फोन कॉल कर मदद मांगी थी। ममता के बोयल पहुंचते ही भाजपा समर्थकों ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना शुरू कर दिया।
क्या कहा चुनाव आयोग ने
चुनाव आयोग इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा है कि, 'यह बड़े दुख का विषय की है मुख्यमंत्री पद पर बैठे शख्स और कैंडिडेट ने मीडिया नैरेटिव के जरिए वोटर्स को कई घंटे तक गुमराह किया। जबकि उस समय मतदान जारी था। इससे बुरा आचरण और हो नहीं सकता था।' आयोग अब यह देख रहा है कि क्या एक अप्रैल (मतदान के दिन) की घटनाओं में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 और 123 (2) या आदर्श आचार संहिता के तहत कोई एक्शन लिया जा सकता है।
भाजपा ने की थी मांग
इससे पहले भाजपा के एक प्रतिनिधिममंडल ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भाजपा का आरोप है कि ममता ने उनके निर्वाचन क्षेत्र नंदीग्राम में मतदान के दौरान कथित तौर पर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया। भाजपा ने आरोप लगाया था कि जैसे ही तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी धरने पर बैठीं उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मतदान केंद्र पर पथराव शुरू कर दिया।