- सीएए और एनआरसी के खिलाफ विपक्षी दलों ने गांधी शांति यात्रा निकाली
- यह यात्रा मुंबई से शुरू होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगी
- 3000 किलोमीटर लंबी यह यात्रा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होकर गुजरेगी
मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ मुंबई में विपक्षी दलों ने गुरुवार को गांधी शांति यात्रा निकाली। इस विरोध मार्च में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा, पृथ्वीराज चौहान, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, संविधान निर्माता भीव राव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर समेत कई कई दिग्गज नेता शामिल हुए। सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रही इस गांधी शांति यात्रा को मुंबई के गेट-वे ऑफ इंडिया से हरी झंडी दिखाई गई। यात्रा मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो रही है। गेट-वे ऑफ इंडिया से शुरू होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगी। यह यात्रा 21 दिन की होगी।
मुंबई से शुरू होकर 3000 किलोमीटर लंबी यह यात्रा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। यशवंत सिन्हा ने मुंबई में बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को रद्द करने और जेएनयू की तरह राज्य-प्रायोजित हिंसा के मामलों की सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान जजों द्वारा न्यायिक जांच की मांग के लिए यात्रा शुरु कर रहे हैं।
गुजरात के पूर्व सीएम और राष्ट्र मंच के राज्य संयोजक सुरेश मेहता ने बुधवार को कहा कि हमने सभी विपक्षी दलों से संपर्क किया है और कई नेताओं के गुजरात में इस यात्रा में शामिल होने की संभावना है। मेहता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी, रिटायर राजनयिक के सी सिंह, पूर्व-बीजेपी मंत्री सोमपाल शास्त्री और पूर्व-बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, कांग्रेस, आप और समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता इस यात्रा में शामिल होंगे।