देश की आज़ादी के 75 साल पूरा होने पर 'अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर 'सुशासन सप्ताह' आयोजित होगा. 'प्रशासन गांव की ओर' थीम वाले सुशासन सप्ताह का मकसद जनशिकायतों का समाधान और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सरकारी सेवाएं पहुंचाना है. सुशासन सप्ताह 20 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक मनाया जाएगा।
सुशासन सप्ताह के दौरान लाखों जन शिकायतों के निबटारा किये जाने की उम्मीद है इसके लिए देश भर के हर जिले के जिलाधिकारी हफ्ते भर के लिए तहसील मुख्यालय पर विशेष शिविर लगाएंगे और आमजन की तकलीफों का समाधान भी करेंगे, समस्याओं के जल्द निबटारे के लिए हर जिले की हर तहसील को 'whatsapp' ग्रुप से भी जोड़ा गया है।
प्रशासनिक सुधारों की ओर अग्रसर भारत सरकार
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोकनिर्माण विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स नाउ नवभारत को बताया कि सुशासन लाने की दृष्टि से इस साल गांधी जयंती से महीने भर का विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया था. इस अभियान का मकसद सालों से लटके हुए मामलों का निबटारा और स्वच्छता अभियान के तहत पुरानी रद्दी पड़ी फाइलों को हटाना, कूड़ा-कबाड़े की सफाई था. भारत सरकार के 70 मंत्रालयों में चलाए गए इस अभियान के उत्साहपूर्ण नतीजे देखने को मिले.
सरकारी दफ्तरों में बिना इस्तेमाल की पड़ी जगहों को साफ किया गया
भारत सरकार के सभी मंत्रालयों को मिलाकर 12 लाख वर्ग फ़ीट से ज्यादा जगह खाली हो गयी जो दिल्ली में बने निर्माण भवन के क्षेत्रफल से दोगुना है। किसी मंत्रालय ने स्क्रैप डंपयार्ड की सफाई करके कैफेटेरिया और पार्किंग बना दी तो कहीं योग करने के लिए वेलनेस सेंटर वही इससे सरकार को राजस्व का मुनाफा भी हुआ. एक महीने तक चले स्वच्छता कार्यक्रम में बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान को बेचकर सरकार ने 62 करोड़ 54 लाख रुपये की कमाई की।
प्रशासनिक सुधार के तहत हुए ये बड़े बदलाव:-
- भारत सरकार के सभी 70 मंत्रालय और विभागों में 'चैनल ऑफ सबमिशन' का लेवल घटकर 4 तक आ गया है।
- भारत सरकार के दफ्तरों में 80 फीसदी के करीब काम ऑनलाइन हो रहा है।
- अब तक इक्कीस लाख 90 हज़ार बेकार पड़ी फाइलों को हटाया गया।
- डिजिटलीकरण पर जोर देते हुए केंद्रीय सचिवालय में 26 लाख e file तैयार हुई।
- गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय में भी 30 फीसदी तक डिजिटलीकरण हुआ है।
- रेल मंत्रालय में ई ऑफिस के इस्तेमाल से कागज का उपयोग आधा हो गया, 2018 में जहां रेलवे को 22685 रिम की जरूरत पड़ी जो 2021 में घटकर 10272 रीम पर आ गयी. वहीं प्रिंटिंग कार्ट्रिज का बजट भी घटकर आधा हो जाने की उम्मीद है।