- पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत अनाथ बच्चों को आयुष्मान योजना का भी लाभ मिलेगा।
- योजना का लाभ लेने के लिए बच्चे का सीधे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
- इसके अलावा अनाथ हुए बच्चों को पढ़ाई और आवास का भी प्रावधान किया गया है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कोविड-19 की वजह से अनाथ हुए बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत 31 दिसंबर तक योजना के लिए पंजीकरण कराना जरूरी होगा। योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष की आयु से मासिक सहायता और 23 वर्ष की आयु होने पर 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि मिलेगी। इसके अलावा आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर भी मिलेगा।
कौन होंगे पात्र
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार योजना की पात्रता मानदंड में उन सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता दोनों या माता-पिता में से एक को, कानूनी अभिभावक/गोद लेने वाले माता-पिता/गोद लेने वाले माता या पिता में एक को खो दिया है। इसके तहत वह बच्चे, योजना का लाभ हासिल करने के पात्र होंगे जिन्होंने 11 मार्च 2020 से दिसंबर 2021 के बीच महामारी की वजह से अपने माता-पिता को खोया है। इसके अलावा, योजना के तहत उन्हीं बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिनके माता-पिता या किसी एक की मृत्यु की तारीख के समय बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम थी।
कैसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
गाइडलाइन के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए बच्चे का सीधे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। इसके तहत सबसे पहले इस लिंक पर https://pmcaresforchildren.in/registerchild जाना होगा। जहां पर ओटीपी वैरिफिकेशन के लिए मोबाइल नंबर मांगा जाएगा। ओटीपी वैरिफिकेशन के बाद, नए पेज, बच्चे का विवरण, आधार नंबर, बैंक अकाउंट की डिटेल और माता-पिता, अभिभावक या जिस किसी की मृत्यु हुई है। उसकी मृत्यु तिथि और बच्चे के नाम पर आवेदन करने वाले डिटेल आदि फीड करनी होगी। एप्लीकेशन सबमिट होने के बाद, उसका विभाग द्वारा वैरिफिकेशन किया जाएगा। वैरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद योजना के लाभ के लिए बच्चा पात्र हो जाएगा।
इसके अलावा जो लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकेंगे, उनकी पहचान के लिए जिलाधिकारी, पुलिस, ग्राम पंचायत, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के जरिए अभियान चलाकर ऐसे बच्चों की पहचान कर उनका रजिस्ट्रेशन कराएंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद वैरिफिकेशन प्रक्रिया 15 दिन के अंदर पूरी करनी होगी।
आवास के लिए ये विकल्प
गाइडलाइन के अनुसार यदि बच्चे के विस्तृत परिवार, रिश्तेदार, परिजन मौजूद नहीं हैं। या फिर उसे रखने के लिए तैयार नहीं हैं। या फिर 4-10 वर्ष की उम्र या उससे अधिक आयु का बच्चा उनके साथ रहने को तैयार नहीं है, तो पूरी तरह से पड़ताल करने के बाद बच्चे को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत फोस्टर केयर (कुछ समय के लिए किसी परिवार द्वारा बच्चे को आधिकारिक रूप से अपने पास रखना) में रखा जाएगा। यदि फोस्टर फैमिली उपलब्ध नहीं है या बच्चा तैयार नहीं है, तो योजना के तहत पात्र बच्चे को उसकी उपयुक्त बाल देखभाल संस्थान (सीसीआई) में रखा जाएगा।
इसके अलावा यदि बच्चे की उम्र 10 वर्ष से अधिक है । और उसके पास विस्तृत परिवारों या रिश्तेदारों या फोस्टर फैमिली के पास रहने का विकल्प नहीं है या वह रहने को तैयार नही है। तो उसका नेताजी सुभाष चंद बोस आवासीय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, एकलव्य मॉडल स्कूल, सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, या किसी भी अन्य आवासीय विद्यालय में संबंधित योजना के तहत दाखिला कराया जा सकता है।
शिक्षा के लिए ये विकल्प
छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्री-स्कूल शिक्षा/ईसीसीई, टीकाकरण, स्वास्थ्य रेफरल और स्वास्थ्य जांच के लिए आंगनबाड़ी सेवाओं से सहायता दी जाएगी। जबकि 6 से 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नजदीकी स्कूल में यानी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल/केंद्रीय विद्यालय (केवी)/निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। इसके तहत निजी स्कूलों में सबको शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल फीस में छूट दी जाएगी। अगर इसके बावजूद बच्चा फीस देने की स्थिति में नहीं है पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के जरिए बच्चे के पढ़ाई का खर्च उठाया जाएगा। इसी तरह 11-18 साल के बच्चों के एडमिशन की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इसके तहत जिलाधिकारी नेताजी सुभाष चंद बोस आवासीय विद्यालय/कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय/एकलव्य मॉडल स्कूल/सैनिक स्कूल/ नवोदय विद्यालय/ या किसी अन्य आवासीय विद्यालय में दाखिला कराएंगे। इसी तरह उच्च शिक्षा के ब्याज मुक्त कर्ज जैसे प्रावधान भी योजना के तहत किए गए हैं।
इस तरह आएगा पैसा