- अहमदाबाद में कोरोना महामारी के चलते इस बार कर्फ्यू के बीच निकलेगी रथ यात्रा
- मुस्लिम समुदाय ने हर बार की तरह इस बार भी भेंट किया चांदी का रथ
- इस बार 12 घंटे के स्थान पर चार-पांच घंटे में यात्रा समाप्त हो जाएगी
अहमदाबाद: कोरोना महामारी के बीच भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा का आयोजन इस बार भी सादे तरीके किया जा रहा है। गुजरात सरकार ने अहमदाबाद की ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर की सालाना रथ यात्रा को की शर्तों के साथ निकालने की अनुमति दी है। यह यात्रा आज कर्फ्यू के बीच निकाली जाएगी ताकि लोग इसमें शामिल न हो सकें। इससे पहले हर साल की तरह मुस्लिम समुदाय ने कौमी एकता की शानदार मिसाल पेश करते हुए रविवार को मंदिर के महंत को चांदी से बना रथ भेंट किया।
कई सालों से करते हैं आ रहे हैं दान
मंदिर के महंत दिलीप दास को चांदी का रथ मुस्लिम समुदाय द्वारा हर साल भेंट किया जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग सांप्रदायिक भाईचारा फैलाने के लिए 2002 के बाद से ही हर साल चांदी का रथ दान करते हुए आए हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग रथयात्रा के दौरान पहले भी अपना पूरा सहयोग देते रहे हैं। कोरोना से पहले जब भी रथयात्रा मुस्लिम इलाकों से निकलती थी तो उसमें हिस्सा लेने वाले लोगों के खान पान की भी व्यवस्था मुस्लिम समुदाय के लोग करते थे।
इस बार जारी किए हैं कड़े दिशा निर्देश
आपको बता दें कि इस बार 12 घंटे के स्थान पर चार-पांच घंटे में यात्रा समाप्त हो जाएगी, हालांकि यह पहले की तरह 19 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। राज्य प्रशासन और मंदिर अधिकारियों ने जन भागीदारी के बिना सादे तरीके से रथयात्रा निकालने के सारे इंतजाम किये हैं। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की गई है ताकि कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए यात्रा का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
शाह ने की पूजा अर्चना
इस साल की रथयात्रा में मुख्य पुजारी महंत दिलीप दासजी, रथ पर कुछ पुजारी, मंदिर के न्यासी और 60 युवाओं के अलावा किसी को शामिल होने की अनुमति नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुबह मंदिर में मंगला आरती की जिसके बाद देव प्रतिमाओं को यात्रा के लिए बाहर निकाला गया। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल परंपरागत रूप से यात्रा से पहले सड़क की सफाई करेंगे।