- भारत बंद से पहले कृषि मंत्री से मिले हरियाणा के कई किसान संगठन
- नए कृषि कानूनों के समर्थन में बोले- रद्द नहीं होने चाहिए नए कानून
- किसान संगठनों ने इस संबंध में कृषि मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा
नई दिल्ली: एक तरफ जहां नए कृषि कानूनों के विरोध में जहां आज किसानों ने भारत बंद बुलाया है वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के कई किसान संगठन इन नए कानूनों के समर्थन में आ गए हैं। किसानों के एक संगठन ने इन बिलों के समर्थन में सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और कहा कि नये विधानों से कृषकों और खेती-बाड़ी को लाभ होगा। समूह ने यह भी कहा कि विरोध कर रहे किसानों को राजनीतिक लाभ के लिये ‘भ्रमित’ किया गया है।
कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन
इस संबंध में किसान संगठनों ने एक ज्ञापन भी कृषि मंत्री को सौंपा जिसमें कहा कहा कि ये संगठन मांग करते हैं कि तीन नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाए। किसान संगठनों ने अपने पत्र में कहा, 'किसान संगठनों द्वारा सुझाए गए संशोधन के साथ इन्हें जारी रखा जाए। हम किसान संगठनों द्वारा उठाए गए एमएसपी जारी रखने, मंडी व्यवस्था जारी रखने के पक्षधर हैं। लेकिन हम आपसे आग्रह करते हैं कि सुझाए गए संशोधनों के साथ इन कानूनों को जारी रखा जाए। हम आपसे आग्रह करते हैं कि समय प्रदान कर हमारी भी बात सुनी जाए।'
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने कहा कि वे कृषक हैं और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधु भी शामिल थे। संधु ने कहा कि ‘हम नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं, यदि एमएसपी के बारे में लिखित में दे दिया जाता है तो सभी समस्या दूर हो जायेगी।’
पांच दौर की हो चुकी है वार्ता
आपको बता दें कि सरकार और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है। विरोध कर रहे किसान इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार का कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इनसे किसानों को उपनी उपज देश में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।