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तो अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य में इसलिए हो रही देरी!

Updated Dec 08, 2020 | 09:02 IST

राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा ने टीओआई के साथ बातचीत में उन रिपोर्टों को खारिज किया जिनमें कहा गया है कि मंदिर निर्माण स्थल के नीचे मिली रेत निर्माण कार्य को प्रभावित कर सकती है।

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राम जन्मभूमि निर्माण स्थल के नीचे मिले रेत से मंदिर ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा : ट्रस्टी।
मुख्य बातें
  • राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की ट्रस्ट के सदस्यों के साथ हुई बैठक
  • कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि मंदिर निर्माण स्थल के नीचे मिली रेत से निर्माण कार्य में विलंब
  • ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि रेत की वजह से ढांचे पर कोई असर नहीं होगा

अयोध्या : पांच अगस्त को अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर के लिए भूमिपूजन हो जाने के बाद यहां मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मंदिर निर्माण को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की समय-समय पर बैठकें भी चल रही हैं। इसी क्रम में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों एवं विशेषज्ञों के साथ दो दिन की बैठक हुई है। इस बैठक में मंदिर निर्माण से जुड़े कार्यों को अंतिम रूप दिया गया।  

निर्माण कार्यों का लिया जायजा
मिश्रा ने ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, सचिव चंपत राय, एलएंडटी एवं टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के विशेषज्ञों के साथ राम जन्मभूमि परिसर का दौरा किया। इस दौरान इन लोगों ने मंदिर परिसर में शुरू हुए निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इसके बाद मिश्रा ने फैजाबाद सर्किट हाउस में विशेषज्ञों एवं टस्ट के सदस्यों के साथ बैठक की। हालांकि, इस बैठक के बारे में ट्रस्ट की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि समिति ने मंदिर निर्माण कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया। 

मंदिर निर्माण स्थल के नीचे मिली है रेत
राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा ने टीओआई के साथ बातचीत में उन रिपोर्टों को खारिज किया जिनमें कहा गया है कि मंदिर निर्माण स्थल के नीचे मिली रेत निर्माण कार्य को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ निर्माण कार्य से जुड़ी चीजों को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'विशेषज्ञों को मंदिर निर्माण कार्य स्थल के नीचे रेत मिली है। यह कोई हैरानी वाली बात नहीं है। अयोध्या सरयू नदी के तट पर स्थित है, ऐसे में वहां बालू का मिलना नई बात नहीं है। आप ताज महल का उदाहरण लें। इसके नीचे भी रेत है लेकिन इससे ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।'

मंदिर की आधारशिला काफी मजबूत बनाने पर जोर
मिश्रा ने कहा, 'आज की बैठक में निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा, ट्रस्टी एवं विशेषज्ञों ने निर्माण कार्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की। विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि राम मंदिर की आधारशिला इतनी मजबूत बने कि वह 1000 साल तक मजबूती के साथ खड़ी रहे।' इससे पहले रिपोर्टें में कहा गया कि मंदिर निर्माण स्थल के नीचे मिली रेत की वजह से निर्माण कार्य में विलंब हो रहा है। 

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