- उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
- हाथरस पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबल तैनात
- मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया कि पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की गई है। हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा कि वह निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए पीड़ित के परिवार और गवाहों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें अदालत से यह भी कहा गया है कि वह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को निर्देश दे कि वह राज्य सरकार को प्रगति की रिपोर्ट हर पखवाड़े सौंपे, जिसे अदालत के समक्ष यूपी के DGP द्वारा दायर किया जा सकता है।
सरकार ने कहा कि पीड़िता के गांव के प्रवेश द्वार पर आठ सुरक्षाकर्मी 24 घंटे और दो हेड कांस्टेबल पीड़िता के घर के बाहर तैनात हैं। सुरक्षा में सब-इंस्पेक्टर रैंक के कमांडर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। गार्ड और गनर भी सुरक्षा में लगाए गए हैं। पीड़िता के घर के बाहरी हिस्से पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
चंदपा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर (प्रभारी) को पूरी व्यवस्थाओं का प्रभारी बनाया गया है और वह पुलिस बल को सुपरवाइज करेंगे और हर रोज सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे। शीर्ष अदालत के इस सवाल पर कि क्या पीड़ित परिवार ने मामले में वकील की नियुक्ति की है, तो यूपी सरकार ने कहा कि अधिवक्ता सीमा कुशवाहा और राज रतन को उनके निजी वकील के रूप में काम पर रखा गया है।
पीड़ित परिवार के घर के बाहरी हिस्से में आठ सीसीटीवी लगाए गए हैं और घर के बाहर और आसपास 15 सशस्त्र सिपाहियों सहित पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। राज्य सरकार ने कहा कि पीड़ित के परिवार के सदस्यों- उसके माता-पिता, दो भाई, एक भाभी और उसकी दादी की सुरक्षा के लिये पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पीड़ित के गांव के प्रवेश द्वारा और उसके घर के पास दो इंस्पेक्टर और चार महिला सिपाहियों सहित कुल 16 पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसी तरह, पीड़ित के घर के बाहर 24 घंटे दो सब इंस्पेक्टर और 1.5 पीएसी सेक्शन तैनात हैं जिसमें 15 पीएसी कार्मिक हैं।
इसी तरह, पीड़ित के परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा के लिये दो पालियों में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। पीड़ित के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिये सशस्त्र निजी सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं और इस काम के लिये शिफ्ट के आधार पर कुल 12 सिपाही तैनात किए गए हैं।