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India- china border tension: पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर भारत मजबूत, फिंगर 4 पर अब सीधी नजर

Updated Sep 11, 2020 | 00:40 IST

Ladakh sector tension: लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है। लेकिन जिस तरह से भारत ने पैंगोंग के दक्षिणी इलाके पर कब्जा जमाया उसके बाद चीन पूरी तरह से बौखला गया है।

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लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में भारत चीन के बीच जबरदस्त तनाव
मुख्य बातें
  • पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर भारत की हालत मजबूत, अब फिंगर 4 पर सीधी नजर
  • ब्लैक और ग्रीन टॉप पर भारतीय कब्जे के बाद चीन में बौखलाहट
  • चीन ने अपने इलाके में घुसपैठ का लगाया था आरोप, भारत ने आरोपों को नकार दिया था।

नई दिल्ली। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों एस जयशंकर और वांग यी के बीच मॉस्को में बातचीत जारी है लेकिन उससे पहले एक बड़ी खबर यह आई कि भारतीय सेना ने ऊंचाई वाले इलाकों पर अपनी स्थिति मजबूत की है जो सामरिक हिसाब से जरूरी है। जिस ऊंचाई का फायदा उठाकर चीन गीदड़भभकी देता है उस पर लगाम लगेगी। बताया जा रहा है कि भारतीय फौज ने उन इलाकों पर अपनी पकड़ मजबूत की है जहां से पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे में फिंगर चार पर चीनी सैनिक हैं। हालांकि भारतीय फौज की तरफ से इसे ऐहतियात या खुद की सुरक्षा के लिए कदम उठाया गया है। 

फिंगर 4 पर अब सीधी नजर
सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों ने फिंगर 4 में अपनी  स्थिति मजबूत की थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने जिस तरह से ब्लैक और ग्रीन टॉप पर कब्जा जमाया है उसके बाद चीन के लिए मुश्किल बढ़ गई है। चीनी सेना फिंगर 4 पर अप्रैल और मई के महीने से ही डेरा डालकर बैठे हैं। कई दौर की बातचीत के बाद भी वो उस इलाके से नहीं हट रहे हैं। इसके साथ ही तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत गुरुवार को हुई।  इसके जरिए यह फैसला किया गया कि तनाव की सूरत में भी दोनों देशों के बीच संवाद का सिलसिला नहीं टूटना चाहिए।



29-30 अगस्त के बाद और बढ़ गया तनाव
बता दें कि 29-30 अगस्त को चीन की तरफ से दुस्साहस की गई, चीनी सैनिक चोरी छिपे पैंगोंग लेक के जरिए दक्षिणी किनारे स्थित ब्लैक टॉप को अपने कब्जे में करना चाहते थे। लेकिन जिस तरह से स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के कमांडो ने चीनी सैनिकों को जवाब देते हुए कब्जा कर लिया उसके बाद चीन की बौखलाहट बढ़ गई। हाल ही में मास्को में जब शंघाई सहयोग संगठन की बैठक हुई तो उससे इतर भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई। उस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया था कि भारत किसी तरह के तनाव को बढ़ाने में इच्छुक नहीं है। लेकिन संप्रभुता पर किसी तरह का हमला बर्दाश्त भी नहीं किया जाएगा। 

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