- चीनी सेना ने कथित तौर पर LAC पर भारी टैंकों और तोपखाने के साथ लगभग 50,000 सैनिकों को तैनात किया है
- चीनी सेना कथित तौर पर तिब्बत में अभ्यास कर रही है
- भारतीय सेना ने फील्ड कमांडर्स को चीनी घुसपैठ को लेकर निर्देश जारी किए हैं
नई दिल्ली: चीनी सेना के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने फील्ड कमांडर्स को निर्देश दिए हैं कि चीनी सेना को किसी भी कीमत पर घुसपैठ या अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि भारतीय क्षेत्र की रक्षा करते हुए सैनिकों को पूरी तरह से अनुशासन बनाए रखना चाहिए।
सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि फील्ड कमांडर्स को यह भी कहा गया है कि अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी निभाते हुए या किसी भी कार्य को पूरा करने के दौरान किसी भी तरह की शक्ति अतिरिक्त प्रदर्शन या बल का अति प्रयोग नहीं होना चाहिए।
सीमा पर स्थिति के बारे में सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना तिब्बत में उनके नियंत्रित क्षेत्र में अच्छी तरह से फायरिंग का अभ्यास कर रही है, लेकिन यह लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक भारतीय पक्ष में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई स्थानों पर में सुना जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि भारत ने रेजांग ला और रेचेन ला हाइट्स के पास भारतीय सेना द्वारा कब्जे वाले इलाके में तारों को लगाकर अपने बचाव को मजबूत किया है और चीनी सैनिकों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे भारतीय रक्षा को भंग करने की कोशिश करेंगे तो इसके परिणाम होंगे। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने भारी टैंकों और तोपखाने के साथ करीब 50,000 सैनिकों को तैनात किया है।
7 सितंबर को हुई झड़प
7 सितंबर को पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे में दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी और चीन की तरफ से हवाई फायरिंग की गई थी। मंगलवार शाम से ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। चीन यहां ज्यादा सामग्री और लॉजिस्टिक भी इकट्ठा कर रहा है। भारतीय सेना पैंगॉन्ग लेक के दक्षिणी किनारे में महत्वपूर्ण ऊंचाईयों पर तैनात है और चीनियों ने भारत से इस क्षेत्र को हथियाने के लिए कई प्रयास किए हैं। भारतीय सेना सबसे महत्वपूर्ण ऊंचाई रेचीन ला में तैनात है, जिसका चीन विरोध कर रहा है।