- गोमती रिवर फ्रंड पर युद्ध कौशल दिखा रहे MARCOS कमांडो
- ओसामा को ढेर करने वाले अमेरिकी सील कमांडो की तर्ज पर होती है ट्रेनिंग
- 2009 के मुंबई आतंकी हमले सहित कई मौकों पर ऑपरेशन में लिया हिस्सा
लखनऊ: भारत की अब तक की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 5 फरवरी से शुरु होने जा रही है। इसमें भारत सहित दुनिया भर के कई देश अपने हथियारों का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान भारत अपनी सैन्य शक्ति का भी प्रदर्शन करेगा और दुनिया को अपना दम दिखाएगा। ऐसा ही प्रदर्शन होगा गोमती रिवर फ्रंट पर जहां भारत के विशेष बल के हवा, पानी और जमीन पर लड़ाई में प्रशिक्षित योद्धा अपना जौहर दिखाएगा। इन योद्धाओं को मार्कोस कमांडो के तौर पर भी जाना जाता है।
मार्कोस, आधिकारिक तौर पर इन्हें 'मरीन कमांडो फोर्स' कहा जाता है। यह भारतीय नौसेना का कमांडो दस्ता है जिसे बेहद कठिन ट्रेनिंग के साथ प्रशिक्षित किया जाता है। इन्हें ओसामा बिना लादेन को मारने वाले सबसे घातक अमेरिकी सील कमांडो की तरह तैयार किया जाता है।
भारतीय नौसेना की विशेष बल यूनिट MARCOS विशेष ऑपरेशन करने के लिए जिम्मेदार है। MARCOS को फरवरी 1987 में इंडियन मरीन स्पेशल फोर्स के स्थापित किया गया था जो सभी प्रकार के वातावरण में अभियान को अंजाम देने में सक्षम हैं।
मार्कोस कमांडो रक्षा प्रदर्शनी के दौरान अपने युद्ध कौशल के प्रदर्शन के लिए तैयारी कर रहे हैं। आधुनिक हथियारों और नकाब से ठके चेहरे के साथ इन सुरक्षा बलों की स्फूर्ती देखते ही बनती है। यह कमांडो समुद्री लुटेरों से लड़ने, समुद्री रास्ते हमला करने वाले आतंकियों को नाकाम करने, जहाज हाईजैक को रोकने, रात के समय दुश्मनों से लड़ने जैसे कई ऑपरेशन अंजाम देने में सक्षम हैं।
जहाजों, वोट और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर मार्कोस कमांडो चीते सी फुर्ती के साथ काम करते हैं और इन्हें लंबे समय तक पानी के अंदर रहने का अभ्यास भी होता है। 2009 में मुंबई आतंकी हमले के समय भी इन कमांडो ने आतंकियों से लोहा लिया था।