- कृषि बिल के विरोध में किसान करेंगे चक्का जाम
- देशभर के किसानों ने कल भारत बंद का आह्वान किया है
- संसद में कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है
नई दिल्ली : विपक्षी दलों द्वारा भारी हंगामे के बीच, दो दर्जन से अधिक किसान संगठनों ने आज (शुक्रवार, 25 सितंबर) 'भारत बंद' के आह्वान पर अपना समर्थन दिया है। विशेष रूप से, पंजाब और हरियाणा में 31 किसान समूहों ने तो पहले से कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं। अखिल भारतीय किसान यूनियन (AIFU), भारतीय किसान यूनियन (BKU), अखिल भारतीय किसान महासंघ (AIKM), और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKUCC) जैसे किसान संगठनों ने कल एक राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की है।
13 ट्रेनों के रूट्स में बदलाव
किसानों के भारत बंद की वजह से 13 ट्रेनों के रूट को कम किया गया है। अंबाला रेलवे स्टेशन के डॉयरेक्टर बी एस गिल का कहना है कि पंजाब की तरफ जाने वाली ट्रेनों को भेजे जाने से रोका गया है। बता दें कि किसान बिल के विरोध में किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है।
किसान संगठनों ने बंद का किया है ऐलान
कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के किसानों के संगठनों ने भी 25 सितंबर को बंद का आह्वान किया है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, नेशनल ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, हिंद मजदूर सभा, सहित दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर और ट्रेड यूनियन समन्वय केंद्र भी 25 सितंबर को 'भारत बंद' के समर्थन में आगे आए हैं।
कृषि बिल का हो रहा है विरोध
संसद में केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है। विरोधी राजनीति दलों समेत कई किसान संगठन इसका विरोध कर रहे है। 25 सितंबर को इसी सिलसिले में किसान संगठनों द्वारा पूरे देश में बंद का आह्वान किया गया है। किसान संगठन विभिन्न राज्यों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। किसानों के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमा पर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील करने के तैयारी है। हालांकि गुरुवार को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर यातायात एकदम सामान्य रहा।
देशभर में आज किसानों ने किया चक्का बंद
दरअसल भारतीय किसान यूनियन समेत कई अन्य संगठनों ने 25 सितंबर को देशभर में बंद व चक्का जाम करने का ऐलान किया है। पंजाब में 31 किसान जत्थेबंदियां (संगठन) इस लड़ाई में एक साथ आ गयी हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भी किसान यूनियनों के संगठन बन्द व चक्का जाम में शिरकत करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष रतन सिंह मान ने कहा, "हरियाणा के विभिन्न किसान संगठन शुक्रवार 25 सितंबर को राज्य के सभी जिलों, मंडल, गांव और तहसीलों में विरोध दर्ज करेंगे। इस दौरान सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा। हमारा विरोध संसद में पारित किए गए खेती कानून के खिलाफ है। किसानों के इस प्रदर्शन में हरियाणा, पंजाब के सभी आढ़ती, व्यापार मंडल और अन्य व्यवसायिक संगठन भी शामिल हो रहे हैं। सभी लोगों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। शुक्रवार को हरियाणा में व्यापारी स्वेच्छा से अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान किसानों के समर्थन में बंद रखेंगे। इस दौरान सभी लोग अपने-अपने जनपदों पर ही प्रदर्शन करेंगे और दिल्ली कूच का कार्यक्रम नहीं है।"
मान ने कहा, "हरियाणा की ही तरह पंजाब, हिमाचल, जम्मू, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, समेत दूसरे राज्यों में भी किसान अपने-अपने जनपदों पर संसद द्वारा पास किए गए खेती बिल का विरोध करेंगे।" हरियाणा पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों के मुताबिक 25 सितंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली नहीं आएंगे। यह प्रदर्शन अपने-अपने राज्यों में किया जाएगा। लेकिन सावधानी बरतते हुए दिल्ली की सभी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
पंजाब में कई स्थानों पर किसान संगठनों ने रेल रोकने की भी बात कही है। इसी को देखते हुए पंजाब जाने वाली एवं वहां से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। इसके अलावा कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। बुधवार को भी बड़ी संख्या में किसानों ने हरियाणा-पंजाब में प्रदर्शन किया। हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली आना चाहते थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया।