नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने कैंपस में पांच जनवरी को हुई हिंसा की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति हिंसा के पूरे मामले की जांच करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दें कि गत रविवार को नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय के कई छात्रावास में तोड़फोड़ की और छात्रों को बुरी तरह पीटा। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं की है।
गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप किए गए थे। विपक्ष इस हंगामे एवं हिंसा के लिए भाजपा से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं जबकि भाजपा का कहना है कि इस उपद्रव के लिए लेफ्ट छात्र संगठन जिम्मेदार हैं।
जेएनयू छात्र संगठन की अध्यक्ष आईशी घोष और तमाम छात्र हुए थे घायल
नकाबपोश लोगों के हमले में करीब 25 लोग घायल हुए थे। घायलों में जेएनयू छात्र संगठन की अध्यक्ष आईशी घोष सहित छात्र एवं अध्यापक शामिल थे, बाद में घायल छात्रों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंचीं थीं तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से घटना की जानकारी लेकर इस हिंसा की जांच का आदेश दिए थे।
वहीं बाद में जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष आईसी घोष ने रविवार रात कैंपस में हुई हिंसा के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। उन्होंने जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी का अनुरोध करते हुए कहा, 'भीड़ ने साजिश रची और डराने और उनकी हत्या करने के इरादे से हमला किया था।'
जेएनयू हिंसा सामने आने के बाद राजनीतिक एवं क्षेत्रों से जुड़े लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आईं थीं।
सरकार के मंत्रियों ने इस घटना पर दुख जताया जबकि लेफ्ट के नेताओं ने सीधे तौर पर इस घटना के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है।