- लखीमपुर खीरी हिंसा केस में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के घर नोटिस चस्पा किया है
- मंत्री के बेटे से 8 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच में पेश होने के लिए कहा गया है
- इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से स्टैटस रिपोर्ट देने को कहा है
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे का नाम सामने आया है। लेकिन अब तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने यूपी सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अपना रखा है। अब इस मामले में यूपी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय मंत्री के आवास पर नोटिस चस्पा किया है और उनके बेटे को 8 अक्टूबर को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है।
यूपी पुलिस ने चस्पा किया नोटिस
यूपी पुलिस की ओर से जारी नोटिस में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा से 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पेश होने के लिए कहा गया है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के लिए नहीं पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस मामले में कई अन्य लोगों से भी पूछताछ कर रही है। केंद्रीय मंत्री के बेटे पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भीड़ को SUV से कुचलने का आरोप है। यहां हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान गई है, जिसमें उसे मुख्य आरोपी बनाया गया है।
विपक्ष का आरोप, सरकार ने बनाया आयोग
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में नामजद आरोपियों का संबंध केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से होने के कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। वहीं, हिंसा की जांच को लेकर राज्य सरकार ने एक आयोग का गठन किया है, जिसे दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश को आयोग के एकमात्र सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगी रिपोर्ट
वहीं, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए यूपी सरकार से इस मसले पर 'स्थिति रिपोर्ट' (status report) दायर करने को कहा। इसमें सरकार को प्राथमिकी में नामित आरोपियों के विवरण के साथ ही यह भी बताने को कहा गया है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) और न्यायिक जांच आयोग का विवरण भी देने को कहा है।