नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए कुछ जिले गोवा मॉडल का पालन कर सकते हैं। इसमें घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना और सभी रोगियों का इलाज करना शामिल है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें गोवा मॉडल को अपनाने और डोर-टू-डोर सर्वे करने के लिए कहा ताकि लोगों की न सिर्फ कोरोनो वायरस के लक्षणों की जांच हो, बल्कि मानसून से संबंधित बीमारियों की भी जांच की जा सके।
ठाकरे ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिलों की सीमाएं जल्दी ही नहीं खुलने जा रही हैं। उन्होंने जिलों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन में कोई ढील नहीं दी जाए। सीएम ने अधिकारियों से एक विस्तृत योजना तैयार करने के लिए कहा जिसमें ये हो कि लॉकडाउन 4.0 अवधि के दौरान प्रतिबंधों को कैसे कम किया जाए।
जहां गोवा में अभी कोरोना का एक भी केस नहीं हैं, वहीं महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना केस हैं। गोवा में कुल 7 मामले सामने आए थे और सभी 7 मरीज ठीक हो गए। वहीं महाराष्ट्र में अभी 24427 कुल केस हैं, जिसमें से 5125 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 921 की मौत हो चुकी है।
क्या है गोवा मॉडल
दरअसल गोवा सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन से दो दिन पहले ही राज्य में बाहरी आवाजाही पर पाबंदी लगा दी। इसके साथ ही बीच, रेस्टोरेंट और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। यह फैसले तब हुए जब राज्य में कोरोना का कोई भी केस नहीं था। उत्तर गोवा के एसपी उत्कृष्ट प्रसून का कहना है कि जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे तो कर्नाटक और महाराष्ट्र से लगने वाली सीमा को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया गया। 24 घंटे निगरानी की गई। पुलिस टीम ने उन जगहों पर भी खास निगरानी रखी जहां सड़कें नहीं थीं या जाना मुश्किल था। इसके साथ ही स्थानीय लोगों की तरफ से मदद मिली। वो कहते हैं कि कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों का समझाना आसान नहीं था। ज्यादातर लोगों को इस बात का डर था कि रोजमर्रा की चीजें कैसे मिलेंगी। लेकिन सरकार की तरफ से फुलप्रूफ योजनाएं बनीं और स्थानीय प्रशासन ने उसे जमीन पर उतारा।
टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर जोर दिया
गोवा में जो लोग भी चाहे लक्षण या बिना लक्षण वालों पर संदेह हुआ उन्हें तुरंत क्वारंटीन किया गया। व्यापक पैमाने पर टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर काम शुरू हुआ। कर्नाटक और महाराष्ट्र में जब जमात के लोगों के होने की खबरें मिलीं तो प्रशासन के साथ साथ पुलिस भी सक्रिय हुई और लोगों से बार बार अपील हुई कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। जिन लोगों को किसी संदिग्ध के बारे में जानकारी मिले तो जरूर प्रशासन को सूचित करें।