नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जोर देकर कहा है कि लोगों का सुरक्षाबलों की गोलियों से मरना उतना ही गलत है जितना उग्रवादियों की गोलियों से मरना गलत है। श्रीनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उन लोगों के परिजनों से मिले जो आतंकवादियों की गोलियों से मारे गए। हालांकि, सीआरपीएफ ने हाल ही में अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पीडीपी का एक प्रतिनिधिमंडल जब उसके परिवार से मिलने गया तो उनके घर पर ताला लगा हुआ था।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम मिलिटेंट्स की गोलियों से मरने वालों के परिजनों से मिलते हैं। हाल ही में सीआरपीएफ ने एसटी समुदाय के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके परिवार से मिलने गए लेकिन घर में ताला लगा था। ये कैसा सिस्टम है इनका, कोई हमारे मुल्क की गोली से मरे वो ठीक है, मिलिटेंट की गोली से मरे वो गलत है।
इससे पहले श्रीनगर जिला प्रशासन ने उन दावों को खारिज कर दिया कि लाल बाजार में आतंकवादियों द्वारा मारे गए बिहार के स्ट्रीट वेंडर के परिवार को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की गई और कहा कि तत्काल सहायता के 6.25 लाख रुपए के अलावा, जम्मू और कश्मीर सरकार उनके पार्थिव शरीर को एयरलिफ्ट करने की पेशकश की थी। प्रशासन ने यह भी बताया कि मृतक वीरेंद्र पासवान के परिवार के लिए तीन हवाई टिकट आरक्षित थे, लेकिन श्रीनगर में अंतिम संस्कार करने का फैसला उनके भाई का था।
सोशल मीडिया पर कथित रूप से पासवान की पत्नी का एक वीडियो वायरल होने के बाद यह बात सामने आई है। इसमें महिला ने दावा किया कि वह दाह संस्कार से पहले एक आखिरी बार अपने पति का चेहरा देखना चाहती थी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।