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Monsoon arrival: कारे कारे बदरा के लिए करना होगा इंतजार, तय समय से 4 दिन बाद केरल में मानसून

Monsoon arrival in kerala: इस वर्ष तय समय से 4 दिन बाद केरल के तटों से टकराएगा मानसून
Updated May 15, 2020 | 19:19 IST

Monsoon onset in india: भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून से सबसे ज्यादा बारिश होती है और यह जून के पहले हफ्ते में केरल के तटों से टक्कर होती है।

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Monsoon arrival in kerala: इस वर्ष तय समय से 4 दिन बाद केरल के तटों से टकराएगा मानसूनMonsoon arrival in kerala: इस वर्ष तय समय से 4 दिन बाद केरल के तटों से टकराएगा मानसून
आमतौर पर 1 जून को केरल में मानसून देता है दस्तक
मुख्य बातें
  • केरल में मानसून आने में चार दिन की हो सकती है देरी, सामान्य तौर पर 1 जून है तारीख
  • अंडमान में मानसून की दस्तक सबसे पहले लेकिन जून के पहले हफ्ते में मुख्य भूमि से होती है टक्कर
  • दिल्ली में 27 जून तक मानसून के दस्तक देने की संभावना

नई दिल्ली। मध्य अप्रैल से लेकर मई तक उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में धूल भरी आंधी के साथ ही कुछ बारिश हो जाती है जिससे लोगों को राहत मिलती है। लेकिन उसे मानसूनी बारिश नहीं कहते हैं। वैसे तो मानसून सबसे पहले अंडमान निकोबार में दस्तक दे देता है। लेकिन मुख्य भूमि पर यह केरल के तट से टकराता है। ऐसे में सवाल यह है कि इस दफा मानसून केरल के तट पर कब दस्तक देगा। मौसम विभाग के मुताबिक इस वर्ष भारत में मौसम सामान्य रहेगा। लेकिन मानसून इस दफा तय समय से चार दिन बाद केरल में दस्तक देगा। 

5 जून को केरल में मानसून
मौसम  विभाग के मुताबिक अब केरल में मानसून पांच जून तक आएगा।इस वर्ष केरल में मानसून सामान्य तारीख के मुकाबले कुछ विलंब से आएगा। राज्य में मानसून पांच जून तक आ सकता है।केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बरसात मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। जून से सितंबर तक का मौसम बरसात का माना जाता है। आमतौर पर केरल में हर साल मानसून एक जून को आता है।

अंडमान में मानसून की दस्तक सबसे पहले
बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में मानसून अपनी सामान्य तारीख 22 मई से छह दिन पहले 16 मई तक आ सकता है। 2018 में अंडमान-निकोबार में मानसून अपनी तय तारीख से दो दिन पहले 18 मई को आ गया था लेकिन गति धीमी पड़ने से केरल में यह आठ जून को पहुंचा था और पूरे देश में मानसून की आमद 19 जुलाई को हुई थी।

75 फीसद बारिश दक्षिण- पश्चिम मानसून से
बता दें कि देश में 75 फीसदी तक बारिश जून से सितंबर में दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है यह देश में न केवल खेती के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि जलाशयों में पानी भरने के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी जरूरी है जो मुख्य तौर पर कृषि आधारित है।वहीं देश में उत्तरपूर्वी मानसून भी बारिश लेकर आता है। उत्तरपूर्वी मानसून से अक्टूबर से दिसंबर के बीच तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और आंध्र प्रदेश के हिस्सों में बारिश होती है।इस साल भारतीय मौसम विभाग ने 1960 से 2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून के सक्रिय होने और जाने की तारीखों को संशोधित किया है।

दिल्ली में 27 जून को मानसून की दस्तक
केरल में मानसून की तारीख हालांकि अब भी एक जून ही है। अगर बात महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में मानसून आने में मौजूदा सामान्य तारीखों की तुलना में तीन से सात दिन की देरी हो सकती है। दिल्ली में मानसून की नई सामान्य तारीख 23 जून से बढ़ाकर 27 जून कर दी गई है।

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