- पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी भारत के लिए चुनौती
- भारत किसी भी समय जरूरत के हिसाब से कर सकता है पलटवार
- आतंक के मुद्दे पर भारतीय फौज की जीरो टॉलरेंस की नीति बिल्कुल साफ
नई दिल्ली। देश की उत्तरी सीमा पूरी तरह से महफूज है। किसी भी नापाक कोशिश को करारा जवाब देने के लिए हम सक्षम हैं। अगर पीछे के इतिहास को उठा कर देखें तो नतीजे खुद ब खुद गवाही देते हैं कि भारतीय फौज ने सीमित संसाधनों में भी बेहतर काम किया है। अगर आज की बात करें तो भारत चीन और पाकिस्तान को एक साथ जवाब देने के लिए तैयार है। इस तरह के शब्दों के जरिए आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य, या किसी चुनौती से निपटने के लिए भारत के पास सर्वाधिकार सुरक्षित है।
पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी खतरनाक
पाकिस्तान का रवैया आतंकवाद को लेकर नरम नहीं है। हमारे पास आतंक के प्रति शून्य-सहिष्णुता है। हम अपने स्वयं के चुनने और परिशुद्धता के साथ एक समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं। यह एक स्पष्ट संदेश है जिसे हमने भेजा है। पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी खतरनाक है और टकराव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
पलटवार का सर्वाधिकार सुरक्षित
आर्मी चीफ ने कहा कि हाल के समय में जिस तरह से पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ के मामले सामने आए हैं और हमारी फौज ने प्रतिउत्तर दिया है उससे साफ है हम किसी भी हालाता का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। हमारी स्पष्ट सोच है कि बिना वजह किसी को परेशान नहीं करेंगे। लेकिन किसी की नापाक सोच को जमीन पर उतरने भी नहीं देंगे। इसके साथ ही आर्मी चीफ ने कहा कि लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में जमीन पर तनाव नहीं है। चीन के साथ सभी स्तरों पर संवाद कायम है। लेकिन सेना किसी तरह की ढील नहीं देने वाली है। कुछ ऐसी दिक्कतें सामने आती हैं जिसका इतिहास पुराना है। वैसी सूरत में हमें सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा।