- देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 के पार
- कांग्रेस ने मोदी सरकार की नीतियों को दिया दोष
- पेट्रोलियम मंत्री बोले, ऑयल बांड्स की वजह से तेल कंपनियों को हो रहा है नुकसान
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आग लगी हुई। देश के कई शहर ऐसे हैं जहां रेगुलर पेट्रोल 100 के पार है। हर एक दिन खबरों की शुरुआत पिछले 12 दिन से बढ़ी हुई कीमतों से हो रही है। विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस मोदी सरकार और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर निशाना साध रही है इन दोनों लोगों को आम भारतीयों की परवाह नहीं है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत तिहाई के आंकड़े को पार करती थी तो भी पेट्रोल की कीमत ने शतक नहीं लगाया। अब जबकि कच्चे तेल की कीमत करीब 61 डॉलर प्रति बैरल है कीमतें आसमान पर हैं। इन्हीं सब विषय पर फ्रैंकली स्पीकिंग कार्यक्रम में सवालों की पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बेबाकी से जवाब दिया।
ऑयल बांड्स, कीमतों में बढ़ोतरी की वजह
धर्मेंद्र प्रधान से जब पूछा गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है तो उस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये बात सच है। लेकिन इसके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समझना होगा। उन्होंने कहा कि कीमतों की बढ़ोतरी के पीछे दो बड़ी वजहें है,पहला तो ये अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने ऑयल बांड्स के मुद्दे को भी उठाया। वो कहते हैं कि कांग्रेस की सरकार ने ऑयल बांड्स बिना किसी बजटरी सपोर्ट के जारी किए थे और उसका बड़ा असर कीमतों में दिखाई दे रहा है। तेल कंपनियों को अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा ऑयल बांड्स की ब्याज अदायगी में हो रहा है और उसका असर कीमतों पर नजर आ रहा है।
राहुल गांधी पर चुप्पी बेहतर, लोगों का सरकार में भरोसा बरकरार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि बेहतर यही है उनके मामले में कुछ भी ना बोला जाए। इसके साथ ही कहा कि आज देश तरक्की के रास्ते पर है। पीएम नरेंद्र मोदी जिन नीतियों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं उसका असर सामने नजर आ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। लोगों का हमारी सरकार में भरोसा बरकरार है।
किसानों से खुले मन से बातचीत के लिए सरकार तैयार
किसान आंदोलन और कृषि कानूनों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस विषय पर सरकार की नीयत साफ है। लेकिन विपक्ष को अपने वोटबैंक के खिसकने का खतरा लगता है लिहाजा इस मुद्दे पर किसानों की भड़काया जा रहा है। लोकतंत्र में हर एक शख्स और संगठन को विरोध करने का अधिकार है। लेकिन यह तो देखना होगा कि क्या आंदोलन की आड़ में कोई दूसरा शख्स अपने हितों को तो नहीं साध रहा है।
किसान आंदोलन और टूलकिट केस पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से खबरें आई हैं और कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है वो परेशान करने वाली बात है। भारत के अंदरूनी मामले को अगर कोई शख्स वैश्विक स्तर पर उठाकर देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है तो उस तरह की हरकत को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।