- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंच गए हैं पीएम मोदी
- पीएम वहां जाकर अम्फान प्रभावित इलाकों का करेंगे हवाई सर्वेक्षण
- बंगाल के बाद पीएम मोदी ओडिशा का करेंगे दौरा, अम्फान प्रभावित रहा है ओडिशा
नई दिल्ली: चक्रवात ‘अम्फान’ ने पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई, जहां इसके चलते 72 लोगों की मौत हो गई और दो जिले ‘पूरी तरह तबाह’ हो गए हैं। कोलकाता और राज्य के कई अन्य हिस्सों में तबाही के कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए पहुंच गए हैं।
एयरपोर्ट पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी मुख्यमंत्री ममता के साथ अम्फान से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए रवाना हो चुके हैं। इसके बाद पीएम मोदी मुख्यमंत्री के साथ बैठक करेंगे जिसमें राज्य सरकार के तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो भी मौजूद रहेंगे।
कुछ ऐसा है पीएम का कार्यक्रम
बंगाल में अम्फान ने भारी तबाही मचाई है जिसमें 72 लोगों की जान चले गए हैं। इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से बंगाल आकर हालात का जायजा लेने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री का विमान सुबह 10.45 बजे दमदम हवाई अड्डे पर लैंड करेगा जहां से वो बशीरघाट जाएंगे। खबरों की मानें तो यहां पीएम मोदी की अधिकारियों के साथ बैठक हो सकती है जिसके बाद वह अम्फान से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए ममता बनर्जी के साथ रवाना होंगें।
83 दिन बाद घर से बाहर निकले
देश में कोरोना संकट की वजह से चौथे चरण का लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से बाहर बहुत कम निकल रहे हैं और पीएम मोदी लोगों से न केवल घर में रहने की अपील कर चुके हैं बल्कि खुद भी घर पर ही रहे। लॉकडाउन के बाद यह पहली बार है जब पीएम मोदी 83 दिन के बाद दिल्ली से बाहर निकलेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने 29 फरवरी को यूपी के प्रयागराज और चित्रकूट का दौरा किया था।
ममता ने किया मुआवजे का ऐलान
ममता बनर्जी ने तूफान की वजह से मारे गए मृतकों के परिजनों को दो से ढाई-ढाई लाख रुपये तक का मुआवजा देने की भी घोषणा की।इस तूफान ने ओडिशा में भी भारी तबाही मचाई है जहां तटीय जिलों में विद्युत और दूरसंचार से जुड़ा आधारभूत ढांचा नष्ट हो गया है। ओडिशा के अधिकारियों के आकलन के अनुसार, चक्रवात से लगभग 44.8 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।