तस्वीर साभार: ANI
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे देश को एक बार फिर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने भारत को आत्मनिर्भर बनान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के एक बड़े पैकेज का एलान किया। पीएम ने कहा कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा लेकिन हमें आगे बढ़ना भी है। उन्होंने कहा कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू होगा लेकिन यह लॉकडाउन नए रंग और रूप वाला होगा। पीएम के इस भाषण में सबसे ज्यादा जोर देश को आत्मनिर्भर बनाने पर था। पीएम ने कहा कि दुनिया संकट के इस दौर में भारत की तरफ देख रही है और अपना देश दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण के प्रमुख अंश-
- साथियो एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में कोरोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है।
- हमारे पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभाएं हैं। हम सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करेंगे। हम अपने सप्लाई चेन को और मजबूत करेंगे। हमने कच्छ भूकंप के वो दिन देखें हैं हर तरफ मलबा-मलबा ही था। ऐसा लगता है कि मानो कच्छ मौत की चादर ओढ़कर सो रहा है। कोई सोच नहीं सकता था कि हालात बदल पाएंगे लेकिन कच्छ उठ खड़ा हुआ और आगे बढ़ चला। यही हम भारतीयों की संकल्प शक्ति है। हम ठान ले तो कोई राह मुश्किल नहीं। जहां चाह है वहां राह भी है।
- भारत की संकल्प शक्ति ऐसी है कि भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। भारत के आत्मनिर्भर की भव्य इमारत पांच खंभों पर खड़ी हुई है। वे पांच खंभे इकॉनमी, इंफ्रस्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं। इनके जरिए भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।
- थकना, हारना, टूटना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए और नियमों का पालन करते हुए हमें आगे बढ़ना ही है। आज जब दुनिया संकट में है तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियो हम पिछली शताब्दी से कह रहे हैं कि 20 सदी भारत की है। 21वीं शताब्दी भारत की हो तो यह सपना पूरा करने हमारी जिम्मेदारी है।
- जब कोरोना संकट शुरू हुआ था तो भारत में पीपीई किट नहीं बनती थी आज स्थिति ये है कि भारत में हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। आपदा को अवसर में बदलने की हमारी सोच प्रभावी सिद्ध होने वाली है।
- भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख-सहयोग और शांति की चिंता होती है। जो संस्कृति जय जगत में विश्वास करती हो, जो जीव मात्र का कल्याण चाहती है, जो पूरे विश्व को परिवार मानती हो, जो पृथ्वी की मां मानती हो वह संस्कृति जब आत्मनिर्भर बनती है तो उससे सुखी समृ्द्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।
- हाल के वर्षों में भारत ने दुनिया को कई सौगातें दी हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर भारत की पहल दुनिया को सौगात है। योग दिवस दुनिया को भारत का उपहार है। जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया के लिए भारत की दवाइयां एक उम्मीद की किरण लेकर आई हैं। इससे भारत की दुनिया में प्रशंसा हो रही है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि मानव कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा भारत दे सकता है।
- 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज 2020 में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देगा। आत्म विश्वास और आत्म बल से ही आत्मनिर्भरता संभव है। आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के बारे में वित्त मंत्री विस्तार से जानकारी देंगी।
- लोकल को हमें अपनाना होगा। लोकल ने ही हमें बचाया है। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। लोकल प्रोडक्टस खरीदने के साथ उसका गर्व से प्रचार भी करना है। खादी और हैंडलूम को लोगों ने ब्रांड बनाया है।
- हम दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने दोंगे। लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा। नए नियमों वाला होगा। राज्यों से जो सुझाव मिल रहे हैं उनके आधार पर लॉकडाउन-4 की जानकारी 18 मई से पहले दी जाएगी। नियमों को पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे।
- नई प्राण शक्ति और नई संकल्प शक्ति को लेकर हमें आगे बढ़ना है। हम भारत को आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं। हम भारत को आत्मनिर्भर बनाकर रहेंगे। इस संकल्प और विश्वास के साथ मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं।