मुख्य बातें
- पीएम मोदी ने रविवार को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीप जलाने की अपील की
- 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है- मोदी
- शासन-प्रशासन और जनता जनार्दन ने मिलकर स्थिति को संभालना का भरपूर प्रयास किया है- पीएम मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार ने शुक्रवार को एक बार फिर वीडियो संदेश के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर कई कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से इस संकट की घड़ी में देश एकजुट हुआ है वो वाकई में काबिलेतारीफ है। उन्होंने लोगों से 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की लाइट बंद करने की अपील करते हुए बालकनी या घर के बाहर दीए, मोमबत्ती जलाने का आह्वान किया। तो आईए पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातों पर एक नजर डालते हैं
- संदेश की शुरूआत में ही पीएम मोदी ने कहा, 'कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव,दोनों का परिचय दिया है, वो अभूतपूर्व है।'
- पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है और समय-समय पर देशवासियों की इस सामूहिक शक्ति की विराटता, इसकी भव्यता और दिव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है।
- पीएम मोदी ने पांच अप्रैल का जिक्र करेत हुए कहा, '5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। ध्यान से सुनिएगा, 5 अप्रैल को रात 9 बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।'
- लोगों से अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है। सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।'
- संस्कृत के श्लोक को उदृधत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु,न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ अर्थात्, हमारे उत्साह, हमारी spirit से बड़ी force दुनिया में कोई दूसरी नहीं है। दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जो हम इस ताकत से हासिल न कर पाएं। आइए, साथ आकर, साथ मिलकर, कोरोना को हराएं, भारत को विजयी बनाएं।'