- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने जा रहे हैं
- UNSC में जीत के बाद पीएम मोदी का यूएन में यह पहला संबोधन होगा
- इससे पहले पीएम मोदी ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र में भाषण दिया था
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 (शुक्रवार) जुलाई को संयुक्त राष्ट्र में एक अहम संबोधन होने जा रहा है। पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर न्यूयॉर्क में आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की जीत के बाद यह पहली बार है, जब पीएम मोदी इस वैश्विक संस्था के किसी कार्यक्रम को संबोधित करने जा रहे हैं।
17 जुलाई को पीएम मोदी का भाषण
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि पीएम मोदी शुक्रवार (17 जुलाई) को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (UN ECOSOC) के एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। भारत को हाल ही में दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया है, जिसके बाद पीएम मोदी का यूएन में यह पहला भाषण होने जा रहा है।
भारत को मिला बंपर समर्थन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के 192 में से 184 सदस्य देशों ने भारत का समर्थन किया था। यहां गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई और 10 अस्थाई सदस्य होते हैं। पांच स्थाई सदस्यों में जहां अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल हैं, वहीं 10 अस्थायी सदस्यों का चयन हर दो साल के लिए होता है। भारत इससे पहले भी 7 बार UNSC का अस्थाई सदस्य रह चुका है।
सितंबर में हुआ था पीएम मोदी का भाषण
पीएम मोदी ने इससे पहले बीते साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था और तब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। अब एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में उनका संबोधन ऐसे समय में होने जा रहा है, जबकि दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप है और अमेरिका लगातार इसे लेकर चीन पर निशाना साध रहा है।
इस घातक संक्रमण से दुनियाभर में अब तक 5.81 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1.34 करोड़ से अधिक हो चुके हैं। चीन से शुरू होकर यह घातक बीमारी पूरी दुनिया में फैल चुकी है, जिससे सबसे अधिक तबाही अमेरिका में मची है, जहां इस घातक संक्रमण के 35.45 लाख से अधिक मामले हैं, जबकि 1.39 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।