- इकबाल अंसारी ने अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम से 'गुप्त दान' किया
- उन्होंने कहा कि- हमारा मजहब इस्लाम कहता है कि दान गुप्त ही देना चाहिए
- इकबाल अंसारी ने राम मंदिर निर्माण में श्रमदान करने की इच्छा जताई है
लोग योध्या में अपने आराध्य भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान के तहत बढ़चढ़कर योगदान दे रहे हैं इसी क्रम इस अभियान के आखिरी दिन बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम से 'गुप्त दान' किया है। इकबाल अंसारी ने कहा कि- हमारा मजहब इस्लाम कहता है कि दान गुप्त ही देना चाहिए एक हाथ से दिया गया दान दूसरे हाथ को मालूम नहीं हो, उनका कहना है कि धर्म के कार्य के लिए सभी को दान करना चाहिए, दान लेना हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों में मान्य है।
समर्पण निधि की शुरुआत मकर संक्रांति से हुई थी और समाप्ति माघ पूर्णिमा, संत रविदास जयंती के दिन 27 फरवरी को हो गई है इस दौरान लोगों ने इस अभियान में खासे उत्साह के साथ हिस्सा लिया और समर्पण निधि भगवान राम के मंदिर के लिए अर्पण की।
इस मौके पर अंसारी ने कहा कि अयोध्या धार्मिक नगरी है और धर्म के काम में सभी को सहयोग करना चाहिए उन्होंने कहा कि अयोध्या धर्म नगरी है सभी धर्मों के देवी-देवता यहां विराजमान हैं, इसलिए सभी को इस मंदिर के निर्माण में सहयोग करना चाहिए।
इकबाल अंसारी ने 'श्रमदान' की जताई इच्छा
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने राम मंदिर निर्माण में श्रमदान करने की इच्छा जताई है। इकबाल अंसारी चाहते हैं कि देश में ही नहीं पूरे विश्व में हिंदू-मुस्लिम एकता का एक संदेश पहुंचे। वे चाहते हैं कि लोगों को पता चले कि भारत में हिंदू और मुस्लिम एक दूसरे के धर्म का आदर करते हुए भाईचारे के साथ रहते हैं।
"अब हिंदू और मुसलमान में कोई विवाद नहीं रहा"
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई का कार्य तेजी से चल रहा है, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा था लेकिन आज सारी चीजें खत्म हो चुकी हैं, अब हिंदू और मुसलमान में कोई विवाद नहीं रहा इसलिए अब मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू है और हम उसमें श्रमदान करेंगे।