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Ram Vilas Paswan: जब हवाई सफर के दौरान एयर होस्टेस को दिल दे बैठे थे रामविलास पासवान

Updated Oct 09, 2020 | 11:40 IST

लोकजनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवानका 74 साल की उम्र में निधन हो गया। पासवान ने दो शादियां की थीं। उन्होंने पहली शादी राजकुमारी देवी से और दूसरी शादी 1983 में रीना शर्मा से की थी।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
जब हवाई सफर के दौरान एयर होस्टेस को दिल दे बैठे थे पासवान
मुख्य बातें
  • 74 साल की उम्र में गुरुवार शाम को हुआ था रामविलास पासवान का निधन
  • रामविलास पासवान की दो शादियां हुई थी, 1981 में पहली पत्नी को तलाक देकर रीना शर्मा से की थी शादी
  • पासवान के सभी दलों के नेताओं के साथ रहे थे मधुर संबंध

नई दिल्ली:  केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार शाम निधन हो गया। राम विलास पासवान हमेशा से दोस्त बनाने, संबंधों में निवेश करने में भरोसा रखते थे। बिहार के खगड़िया में 1946 में जन्मे पासवान आठ बार निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे। पासवान का जीवन शुरूआत में काफी उतार- चढ़ाव से भरा रहा था। महज 14 साल की उम्र में उनकी शादी राजकुमारी देवी से हो गई थी लेकिन यह शादी आगे नहीं चल सकी और 1981 में उन्होंने राजकुमारी देवी को तलाक दे दिया था।

एयरहोस्टेस थी रीना शर्मा
कहा जाता है कि पासवान के पहली शादी के तलाक की वजह रीना शर्मा थी। रीना शर्मा एक एयरहोस्टेस थीं और कहा जाता है कि एक हवाई सफर के दौरान पासवान की मुलाकात रीना शर्मा से हुई और वो उससे काफी प्रभावित हुए। धीरे-धीरे ये नजदीकियां बढ़ी और बाद में दोनों ने शादी कर ली। पासवान की पहली शादी से जहां दो बेटियां हैं वहीं दूसरी शादी से एक बेटा चिराग पासवान और एक बेटी हैं। पासवान ने 2014 में पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उन्होंने राजकुमारी देवी को 1981 में तलाक दे दिया था।

पुलिस की नौकरी छोड़ किया राजनीति में प्रवेश
पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदे रामविलास पासवान 1969 में कांग्रेस-विरोधी मोर्चा की ओर से चुनाव मैदान में उतरे और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। जमीन से शुरुआत तक कई समाजवादी पार्टियों में विभिन्न पदों पर रहते हुए, समय के साथ-साथ बदलते उनके स्वरूप के साथ देश के महत्वपूर्ण दलित नेता बनकर ऊभरे। पासवान के व्यक्तित्व की खास बात ये थी कि पार्टी और गठबंधन चाहे किसी भी विचारधारा के हों लेकिनउनके संबंध सभी के साथ हमेशा मधुर रहे हैं। 

संघ के रहे थे कटु आलोचक
अपने राजनीतिक करियर के शुरुआती दो दशकों में पासवान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कटु आलोचक हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने रूख में नरमी लान शुरू किया। पासवान अक्सर कहते रहे कि हिन्दुत्व संगठन को दलितों के लिए अपनी छवि बदलने की जरुरत है। केन्द्र में सत्ता में आने वाले गठबंधन के साथ पानी में नमक की तरह घुलमिल जाने की प्रवृत्ति के कारण कई बार आलोचक उन्हें ‘मौसम वैज्ञानिक’ भी बुलाते थे।

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