- जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को लगा बड़ा झटका
- बेग ने पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती को पार्टी छोड़ने के फैसले के बारे में दी जानकारी
- गुपकर एलायंस के गठन के बाद से ही नाराज थे बेग
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के बनने के बाद से नेताओं की नाराजगी का सिलसिला जारी है और खुद इसमें शामिल नेताओं की नराजगी कई बार सार्वजनिक हो गई है। अब इसकी वजह से सबसे बड़ा झटका महबूबा मुफ्ती को लगा है और पार्टी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पीटीआई के मुताबिक, 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में होने वाले जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में सीट बंटवारे में असहमति को लेकर इस्तीफा दिया है।
पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे हैं बेग
मुजफ्फर बेग पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं 1998 में जिस वक्त पीडीपी का गठन हुआ था तब से वह पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। बेग ने अपने इस्तीफे को लेकर फिलहाल को प्रतिक्रिया दी है। पीटीआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) द्वारा सीट बंटवारे, खासकर उत्तर कश्मीर में सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं। पीएजीडी में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और माकपा शामिल है।
पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके है बेग
मुजफ्फर बेग को इसी साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान मिला था। इस सम्मान मिलने के बाद उन्होंने कहा था, 'जम्मू कश्मीर में कभी कोई जनमत संग्रह नहीं हो सकता है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और अमेरिकी राष्ट्रपति जम्मू कश्मीर के लिए स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने स्वीकार किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। हम मांग करते हैं कि जम्मू-कश्मीर को वह दिया जाना चाहिए जो संविधान हमें देता है।'