- अयोध्या को अधिक सुंदर और आधुनिक बनाने के लिए 360 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चालू
- आधुनिकीकरण के 140 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर अभी चल रहा है काम
- 400 हेक्टेयर क्षेत्र में एक नई इक्ष्वाकुपुरी विकसित करेगी योगी सरकार
Shri Ram Janmbhoomi Mandir Ayodhya: प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप नए भारत के निर्माण के एक नए युग का आरम्भ हो रहा है। युग जिसमें नवनिर्माण होगा, युग जिसमें नवोन्मेष की चारित्रिक सुदृढ़ता होगी। अब अयोध्या में धर्म और विकास के समन्वय से हर्ष की सरिता और समृद्धि की बयार बहेगी। जिसमें समस्त भारतवर्ष के नव वैभव की रचना होगी। अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 5 अगस्त को इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। अयोध्या को विशेष बनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। अयोध्या में सभी मुख्य स्थानों को सजाया संवारा जा रहा है। अयोध्या में सजावट और रंग-रोगन का काम तेजी से जारी है। जगह-जगह वॉल पेंटिंग के जरिये धार्मिक नगरी को सुंदर बनाया जा रहा है। शहर की सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है।
अयोध्या में सरयू नदी के घाटों को साफ करने और सौंदर्यीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है ताकि प्रभुराम की नगरी चारों ओर से भव्य और दिव्य दिखे। अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ पूरे शहर के कायाकल्प की तैयारी चल रही है। मंदिर बनने का कार्य पूरा होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर बनने के साथ ही लोगों के स्थाई कारोबार बढ़ने की उम्मीद भी और ज्यादा बढ़ गई है।
अयोध्या को अधिक सुंदर और आधुनिक बनाने के लिए 360 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले शुरू की जा चुकी हैं। आधुनिकीकरण के 140 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर अभी काम चल रहा है। अयोध्या को सुंदर बनाने के लिए नमामि गंगे परियोजना का भी इस्तेमाल हो रहा है। इसके तहत सरयू में गिरने वाले तमाम छोटे नालों के गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर वापस सरयू में भेजा जा रहा है। अयोध्या रेलवे स्टेशन पर तीनों प्लेटफार्मों और स्टेशन के दोनों छोरों को जोड़ने वाला एक नया फुट ओवरब्रिज है। स्टेशन के नए मुख्य टर्मिनल भवन पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. इसका डिजाइन राम मंदिर के मॉडल के ऊपर ही रखा गया है।
अयोध्या रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल, इन दोनों प्रोजेक्ट पर काम 2019 में ही शुरू हो गया था। इन स्थानों को बेहद भव्यता के साथ बनाया जा रहा है। अयोध्या को उसकी त्रेतायुगीन प्रतिष्ठा से पुनर्भूषित करने के क्रम में अयोध्या के निकट ही 400 हेक्टेयर क्षेत्र में एक नई इक्ष्वाकुपुरी विकसित की जाएगी जिसमें जीवनोपयोगी आधुनिक सुविधाओं के अलावा त्रेतायुग की झलक दिखाते आश्रम और गुरुकुल भी बनाए जाएंगे।
भव्य मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के साथ ही करोड़ों की योजनाएं पूरी होने जा रही हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने पांच अगस्त को आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 487.91 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के साथ दिव्य उपनगरी भी विकसित होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के साथ 70 एकड़ के परिसर में दिव्य नगरी का खाका खिंच कर तैयार है और मंदिर निर्माण की शुरुआत के ही साथ दिव्य उपनगरी का निर्माण भी शुरू होगा। अयोध्या के ऐतिहासिक महत्व के दृष्टिगत यहां सांस्कृतिक मंच ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य हो रहा है। इससे सांस्कृतिक कलाकारों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
अयोध्या में विकसित होने वाली दिव्य उपनगरी 161 फीट ऊंचे, 318 स्तंभों तथा छह शिखरों वाले राम मंदिर के साथ सत्संग भवन, रामकथा पर केंद्रित लेजर शो प्रदर्शन के लिए हनुमंत मुक्ताकाश, विशाल भोजनागार तथा सत्संग भवन से सज्जित होगी। श्रीराम जन्मभूमि के अलावा त्रेतायुगीन अन्य पौराणिक धरोहरें भी जीवंत की जाएंगी। श्रीराम जन्मभूमि के ठीक उत्तर में सीता रसोई तथा दक्षिण दिशा में कुछ फासले पर शेषावतार का मंदिर लगभग उसी भौगोलिक अवस्थिति में विकसित किया जायेगा, जहां वे पारंपरिक रूप से थे।
सरयू का पावन जल केसरिया कांति से नहा उठा है। राम की पैड़ी पर पुण्य सलिला की कल-कल में ही नहीं, बल्कि अयोध्या में पग-पग पर यही रंग नजर आ रहा है। 'विरासत' के इस रंग से रामनगरी के 'विकास' की तस्वीर भी सृजित होती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में अयोध्या, भगवान राम से जुड़ी पूरी विरासत को संजोने व प्रस्तुत करने वाली शास्त्रीय, लोक-जनजातीय और आधुनिक प्रदर्श व दृश्य कलाओं, साहित्य, बौद्धिक परंपराओं को समेटने वाला केंद्र बनेगा।