- इस अर्जी पर मंगलवार को होनी थी सुनवाई लेकिन मामला आगे के लिए टल गया
- देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है
- याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे लोगों में राष्ट्रीयता का भावना प्रबल होगी
नई दिल्ली : देश का नाम बदलकर भारत करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार के लिए निर्देश जारी करे ताकि सरकार संविधान में संशोधन कर 'इंडिया' नाम 'भारत' कर सके। इस अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन पीठ की अनुपलब्धता की वजह से इस पर सुनवाई टल गई। याचिकाकर्ता का दावा है कि देश का नाम 'भारत' किए जाने से लोगों में राष्ट्रीयता का भावना बढ़ेगी।
सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ करेगी सुनवाई
यह अर्जी नमाह नाम के व्यक्ति ने दायर की है। इस अर्जी पर प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ सुनवाई करेगी। इस अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन पीठ की अनुपलब्धता की वजह से इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई आगे के लिए टाल दी।
औपनिवेशिक अतीत की भावना से छुटकारा मिलेगा
अर्जी में कहा गया, 'देश के लिए इंडिया नाम का इस्तेमाल करना बंद करें। देश का नाम भारत किए जाने से देश को औपनिवेशिक अतीत की भावना से छुटकारा मिलेगा और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना प्रबल होगी। यह नाम स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को सही ठहराएगा।'
'अलग-अलग दस्तावेजों पर अलग अलग नाम'
अपनी अर्जी में याचिकाकर्ता ने कहा है, 'अलग-अलग दस्तावेजों में देश के अलग-अलग नाम मिलते हैं। आधार कार्ड पर 'भारत सरकार', ड्राइविंग लाइसेंस में 'यूनियन ऑफ इंडिया', पासपोर्ट पर 'रिपब्लिक ऑफ इंडिया' नाम मिलता है और इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है। इसमें एकरूपता होनी चाहिए और एक व्यक्ति को अपने देश का नाम पता होना चाहिए।' नमाह ने कहा कि देश का नाम एक होना चाहिए जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 'एक देश एक आवाज' की बात करते हैं।