नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर एयरपोर्ट को एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। राज्य सरकार ने जेवर हवाई अड्डे के लिए 2,000 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को राज्य विधानसभा में 2021-22 के लिए 5,50,270.78 करोड़ रुपए का बजट पेश किया।
राज्य सरकार ने पहले प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट के रनवे की संख्या को 2 से बढ़ाकर 6 कर दिया है। बजट में कहा गया, 'जेवर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या 2 से बढ़ाकर 6 करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। यह एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित होगा। परियोजना हेतु 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।'
मेट्रो से होगा कनेक्ट
जेवर एयरपोर्ट को नोएडा और दिल्ली से मेट्रो रेल के जरिए कनेक्ट किया जाएगा। इस एयरपोर्ट पर बुलेट ट्रेन का भी स्टेशन होगा। जेवर एयरपोर्ट को डेवलप कर रही कंपनी ने एयरपोर्ट के चार फेज का मास्टर प्लान तैयार किया है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइंग क्लब की स्थापना की जाएगी। इस एयरपोर्ट के पहले चरण को वर्ष 2024 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम करीब-करीब पूरा कर लिया गया है। इस हवाई अड्डे पर हर साल 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता हो जाएगी।
राजनाथ सिंह ने देखा था सपना
यह एयरपोर्ट 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर' के नाम से जाना जाएगा। 5000 हेक्टेयर में बनने वाला 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट' बनने के बाद एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा हो जाएगा। जेवर एयरपोर्ट बनाने का आइडिया मूल रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का है। साल 2001 में वे यूपी के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और तब उन्होंने इसका सपना देखा था। एयरपोर्ट की डिजाइन लंदन, मॉस्को और मिलान के विश्वप्रसिद्ध एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार की गई है।