भारत में फिलहाल दो तरह के कोरोना वैक्सीन लगाए जा रहे हैं: पहला भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) और दूसरा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेक की कोविशील्ड (Covishield) और अब तीसरा रूस की स्पूतनिक वी (Sputnik V) लगाए जाएंगे जिसका पहला डोज 14 मई को हैदराबाद में लगाया गया है।
पहला सवाल, भारत में कोरोना वैक्सीन की कीमतों पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है ? इस हंगामे के सबसे बड़े कारण दो है, पहला कारण है भारत में अब 3 तरह के वैक्सीन उपलब्ध हैं लेकिन तीनों की कीमतें अलग अलग है अप्रैल माह से पहले वैक्सीन सरकार के लिए प्रति डोज 150 रुपए था और साथ ही फ्रंट लाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से उपर वाले लोगों के लिए वैक्सीन फ्री था और अब कोविशील्ड प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए 600 रुपए प्रति डोज लेकिन ये 900 रुपए तक जा सकता है।
कोवैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए 1200 रुपए प्रति डोज लेकिन ये 1500 रुपए तक जा सकता है। स्पूतनिक वी इम्पोर्टेड वैक्सीन 995 रुपए प्रति डोज जिसमें 5% जीएसटी भी शामिल है।
हंगामे का दूसरा कारण है यदि आप भारत में उपलब्ध वैक्सीन की कीमतों की तुलना दुनिया के अन्य देशों से करेंगे तो भारी अंतर पाएंगे।
वैक्सीन की कीमत: भारत बनाम विश्व (Vaccine Price India vs World)-
# भारत:-
जीडीपी :2.87 लाख करोड़
कोविशील्ड: 600 रुपए प्रति डोज
कोवैक्सीन:1200 रुपए प्रति डोज
स्पूतनिक वी: 995 रुपए प्रति डोज
# अमेरिका:-
जीडीपी 21.43 लाख करोड़
300 तकरीबन रुपए प्रति डोज
# इयू:
जीडीपी: 15.16 लाख करोड़
160-260 तकरीबन रुपए प्रति डोज
# ब्रिटेन:-
जीडीपी: 2.83 लाख करोड़
225 तकरीबन रुपए प्रति डोज
# सऊदी अरब :-
जीडीपी: 79,296 लाख करोड़
394 तकरीबन रुपए प्रति डोज
# बांग्लादेश:-
जीडीपी: 30,257 लाख करोड़
300 तकरीबन रुपए प्रति डोज
इसके बाद आप क्या कहेंगे ? यानी सबसे महंगा कोरोना वैक्सीन भारत में। क्यों ? क्या भारत , अमेरिका , ब्रिटैन , इयू , सऊदी अरब से अमीर देश है और तो और बांग्लादेश से ही तुलना कीजिए , बांग्लादेश में 300 रुपए प्रति डोज। हंगामा क्यों नहीं होगा?
दूसरा सबसे बड़ा सवाल भारत में वैक्सीन की एक कीमत क्यों नहीं है ?
भारत बनाम विश्व की वैक्सीन की कीमतों की तुलना का वन लाइन अर्थ क्या है ? दुनियां में सबसे महंगा कोरोना वैक्सीन भारत में मिल रहा है। यदि बांग्लादेश से ही अपनी तुलना करें तो भी वैक्सीन की कीमत 300 रुपए से ज्यादे नहीं होनी चाहिए और ये तभी होगा जब केंद्र सरकार और राज्य सरकारें और सभी राजनीतिक दल मिल बैठकर एक रणनीति के तहत वैक्सीन के बारे में विचार करें और अपने अपने ईगो को भुला दें। सभी राज्य सरकारों को केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहिए कि केंद्र सरकार ही वैक्सीन ख़रीदे और उसकी कीमत भी तय करे। इसलिए यदि कोरोना से लड़ना है तो मिलकर लड़ना होगा।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सफल, सबल और समर्थ प्रधानमंत्री हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने दर्जनों कठिन निर्णय देश के लिए हैं इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना जंग के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ना होगा क्योंकि देश का हर नागरिक आपकी ओर टकटकी लगाए देख रहा है और सोच रहा है कि मोदी है तो मुमकिन है।