- शनिवार को राहुल गांधी ने कहा है कि वो आज हाथरस जायेंगे
- प्रशासन राहुल के इस कदम को लेकर खासा चौकन्ना है
- राहुल गांधी साल 2011 में पुलिस को चकमा देकर भट्टा पारसौल गांव पहुंच गए थे
राहुल गांधी (Rahul Gndhi) हाथरस (Hathras) जाने के लिए क्या तरीका अपना सकते हैं नोएडा से लेकर हाथरस तक की पुलिस का ध्यान इस ओर है कि राहुल पुलिस को गच्चा देकर हाथरस ना पहुच जाएं, क्योंकि शनिवार को राहुल ने कहा है कि वो आज हाथरस जायेंगे। इस घोषणा को लेकर पुलिस प्रशासन बेहद सतर्क है और तमाम जगह पर बैरियर लगाकर कड़ी चेकिंग की जा रही है ताकि राहुल कहीं बाइक आदि वाहन पर सवार होकर वहां ना पहुंच जाएं।
हाथरस जाने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती। इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ UP सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।'
गौरतलब है कि कुछ साल पहले राहुल गांधी किसान आंदोलन को समर्थन देने भट्टा पारसौल बाइक से पहुंच गए थे और पुलिस की सारी सुरक्षा व्यवस्था धरी की धरी रह गई थी।
ऐसे में पुलिस को शंका है कि इस बार भी वे हाथरस जाने के लिए यही तरीका अपना सकते हैं इसलिए पुलिस नोएडा-दिल्ली सीमा के साथ ही विभिन्न स्थानों पर चेकिंग अभियान चला रही है।
राहुल गांधी साल 2011 में विरोध के बीच पहुंच गए थे भट्टा पारसौल गांव
इससे पहले, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने बृहस्पतिवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने से रोककर हिरासत में ले लिया था। वहीं राहुल गांधी साल 2011 में भट्टा पारसौल गांव पहुंच गए थे जहां ग्रेटर नोएडा में एक्सप्रेस वे परियोजना निर्माण में किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते थे, इसी दौरान भट्टा पारसौल गांव के किसान धरने पर बैठ गए थे। किसान की मांग को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मानने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी दिग्विजय सिंह के बाद भट्टा पारसौल गांव पहुंचे थे, राहुल तड़के सुबह ही धरनास्थल पर पहुंच गए थे, जिसके बाद वहां पर काफी हंगामा हुआ था और दिनभर एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया था।
हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को उनके पद से निलंबित कर दिया गया
हाथरस कांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में नजर आए हैं और उन्होंने बड़ी कार्रवाई कर दी है। योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को उनके पद से निलंबित कर दिया है। एसपी के साथ साथ डीएसपी और इंस्पेक्टर को भी निलंबित किया गया है।
पुलिसकर्मियों के साथ पीड़ित परिवार का भी होगा नार्को टेस्ट
वहीं कहा जा रहा है कि एसपी और डीएसपी का नार्को टेस्ट भी कराया जाएगा। इसके साथ ही चंदपा थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ पीड़ित परिवार का भी नार्को टेस्ट होगा। बताया जा रहा है कि एसआईटी टीम की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर फिलहाल सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई नहीं की है। मृत लड़की के परिवार ने डीएम लक्षकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
राजनीतिक दलों और मीडिया का आरोप-कुछ न कुछ छिपाया जा रहा है
हाथरस जिला प्रशासन पर न केवल राजनीतिक दल बल्कि मीडिया का भी आरोप है कि कुछ न कुछ छिपाया जा रहा है। पीड़ित के परिवार ने हाथरस के डीएम पर संगीन आरोप लगाए हैं कि किस तरह से वो दबाव बना रहे हैं। वो बार बार कह रहे हैं कि जो लोग आवाज उठा रहे हैं वो कुछ दिनों के बाद चले जाएंगे। प्रशासन ही रह जाएगा इसलिए विवाद को जन्म न दें।