नई दिल्ली: शराब, बीयर और भांग की दुकानों पर अक्सर 'सरकारी' और 'ठेका' शब्द दिखाई देते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में अब शराब की दुकानों के बाहर 'सरकरी' और 'ठेका' जैसे शब्द नहीं देखने को मिलेंगे। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने राज्य में शराब बेचने वाली दुकानों के बाहर से 'सरकारी' और 'ठेका' शब्द हटाने का निर्देश जारी किया है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह शीर्ष अधिकारियों के आदेश के अनुसार किया जा रहा है।
अब, शराब की दुकानों के बाहर लगे साइनबोर्ड पर बीयर शॉप या अंग्रेजी शराब की दुकान या शराब की दुकान लिखा होगा। आबकारी विभाग के निर्देश के बाद, यूपी में दुकानें अपने साइनबोर्ड पर पेंट कर अब प्रतिबंधित शब्दों को छिपा रही हैं।
ज्यादा शराब रखी तो लगेगा जुर्माना
हाल ही में नई आबकारी नीति बनाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया कि वह राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं। बहरहाल, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश के हित में सभी कदम उठाएगी। नई आबकारी नीति के अनुसार राज्य में प्रति व्यक्ति या एक घर में महज छह लीटर शराब ही रखी जा सकेगी। अगर इससे अधिक मात्रा में शराब रखनी है तो आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा।
देनी पड़ेगी इतनी सिक्योरिटी
घर पर फुटकर सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना होना होगा जिसका प्रत्येक वर्ष का शुल्क 12000 रुपया होगा और 51 हजार रुपए आबकारी विभाग को बतौर सिक्योरिटी देनी होगी। अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि बार लाइसेंसों की स्वीकृति की पुरानी प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग के वर्ष 2020-21 के 28,300 करोड़ रुपए की तुलना में साल 2021-22 में करीब 6 हजार करोड़ अधिक यानि 34,500 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है।