आज का धाकड़ EXCLUSIVE है राम मंदिर पर। राम मंदिर भूमि पूजन को एक साल पूरा हो रहा है। राम मंदिर पर आपके लिए EXCLUSIVE जानकारी लेकर आए हैं। 9 नवंबर 2019 को राम जन्म भूमि केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। और इसी के साथ राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया। भूमिपूजन को 1 साल पूरा होने वाला है। धाकड़ EXCLUSIVE में हम आपको बताते हैं कि इस एक साल में राम मंदिर पर कितना काम हुआ है।
राम मंदिर में 3 मंजिल होंगी। पहली मंजिल पर मंदिर का गर्भ गृह होगा जिसमें रामलला की मूर्ति रखी जाएगी। राम लला के साथ माता सीता होंगीं, लक्ष्मण और गणेश भगवान की भी मूर्ति रखी जाएगी। सबसे खास बात ये है कि राम नवमी के दिन उगते सूर्य की पहली किरण श्रीराम की प्रतिमा पर पड़ेगी। इसके लिए Astronomical Study यानी खगोलीय अध्ययन किया गया है। 66 एकड़ के राम मंदिर परिसर में भक्तों की परिक्रमा के लिए एक ट्रैक बनाया जा रहा है। ऐसा अनुमान है कि एक दिन में 10 लाख राम भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे। सभी भक्तों को अपने पूजनीय के दर्शन मिलें इसलिए इस परिक्रमा पथ का निर्माण कराया जा रहा है।
ये वाकई देखने वाला दृश्य होगा जब श्रीराम की प्रतिमा पर रामनवमी के दिन सूर्य की पहली किरण पड़ेगी। संग्रहालय निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही एक रिसर्च सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है। दुनिया भर से रामायण के सभी संस्करण इकट्ठा किए जाएंगे, मंदिर का इतिहास, पांडुलिपियां और कानूनी दस्तावेज राम मंदिर के इस आधुनिक संग्रहालय में रखे जाएंगे।
1 साल में राम मंदिर पर क्या काम हुए?
5 अगस्त को भूमिपूजन हुआ। अक्टूबर 2020 में तराशे गए पत्थरों को कार्यशाला से मंदिर परिसर में रखने का काम शुरू हुआ। 15 मार्च 2021 से श्री राम मंदिर निर्माण के लिए नींव भराई का काम शुरू हो गया। लगभग 1 लाख 20 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में 4 परत बिछाई जा चुकी है। 40 से 45 ऐसी ही परत बिछाई जाएंगी। एक फीट मोटी परत बिछाकर रोलर से कौंपैक्ट करने में 4 से 5 दिन लग रहे है। मंदिर के निर्माण का काम तय योजना के तहत ही हो रहा है। इसके अलावा कुबेर टीला और सीता कुंड के निर्माण की योजना है। सरकार का अनुमान है कि 2023 के अंत से भक्त श्री राम के दर्शन कर सकेंगे। अयोध्या में पूरे राम मंदिर परिसर वर्ष 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।