- हाथरस में गत 14 सितंबर को 19 साल की लड़की के साथ हुई गैंगरेप की वारदात
- गंभीर हालत में लड़की को पहले अलीगढ़ के अस्पताल में फिर दिल्ली शिफ्ट किया गया
- लड़की की मौत हो जाने के बाद लोगों में गुस्सा, सोशल मीडिया में उठी न्याय दिलाने की मांग
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ हुई गैंगरेप और फिर उसकी हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। युवकी के साथ आरोपियों ने जिस तरह की दरिंदगी दिखाई वह 2012 के निर्भया केस की याद दिलाने वाली है। 19 साल की पीड़ित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना के खिलाफ देश भर में गुस्सा देखने को मिल रहा है। खुद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में कोई सुधार नहीं हुआ है और स्थिति 2012 जैसी ही है। हाथरस गैंगरेप केस में लोग पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। राजनीति से लेकर बॉलीवुड सभी क्षेत्रों के लोगों ने इस मामले में त्वरित न्याय करने की मांग की है।
14 सितंबर को युवती के साथ हुआ सामूहिक दुष्कर्म
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप की घटना 14 सितंबर को हुई। परिवार के मुताबिक लड़की अपने परिवार के साथ चारा काटने के लिए खेत में गई थी। कुछ समय बाद खेत से लड़की का भाई वापस आ गया जबकि वह अपनी मां के साथ खेत में चारा काटती रही। खेत में लड़की अपनी मां से कुछ दूरी पर थी। कुछ देर बाद लड़की की मां को अहसास हुआ कि उसकी बेटी खेत में नहीं है। लड़की की मां जब उसकी तलाश करने लगी तो वहीं एक दूसरे खेत में पीड़िता बेहोशी की हालत में मिली। परिवार ने इस घटना के लिए गांव के ही चार युवकों पर आरोप लगाया है। परिवार का आरोप है कि चार से पांच लोगों ने पीड़िता पर पीछे से हमला किया और दुपट्टे से खींचकर उसे बाजरा के एक खेत में ले गए और उसके साथ बारी-बारी से गैंगरेप किया। इस घटना में लड़की का गर्दन बुरी तरह जख्मी हो गया।
पुलिस की भूमिका पर परिवार ने उठाए सवाल
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि पीड़िता के शरीर की हड्डियां टूट जाने पर उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसे घटना की शुरुआत से ऑक्सीजन की जरूरत थी। परिवार का आरोप है कि घटना के चार-पांच दिन बीत जाने के बाद पुलिस हरकत में आई। हालांकि, पुलिस ने परिवार के आरोपों को खारिज किया है। पुलिस के मुताबिक वह इस घटना के बाद से ही सक्रिय है। पुलिस का कहना है कि वह इस केस के आरोपियों संदीप रामू, लवकुश और रवि को गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस ने रेप के आरोप को खारिज किया
इस बीच, हाथरस पुलिस ने लड़की के साथ रेप के आरोप से इंकार किया है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर का कहना है कि लड़की के साथ रेप की पुष्टि न तो हाथरस और न ही अलीगढ़ के डॉक्टरों ने की है। पुलिस अधिकारी ने हालांकि कहा कि फॉरेंसिक टीम की मदद से डॉक्टर इस आरोप की जांच करेंगे। पुलिस अधिकारी ने लड़की की जीभ काटे जाने की रिपोर्टों को भी गलत बताया। पुलिस अधिकारी ने कहा, 'ऐसी रिपोर्टें हैं कि लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। यह गलत है, लड़की की हत्या गला दबाकर की गई और इस दौरान उसकी गले की हड्डियों में गंभीर चोटें आईं। इसकी वजह से लड़की को कई सारीं दिक्कतों का सामना करना पड़ा'
पहले अलीगढ़ में भर्ती थी लड़की
घटना के बाद पहले लड़की को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने लड़की की हालत 'गंभीर' बताई थी। परिवार का कहना है कि लड़की की हालत को देखते हुए उसने पुलिस से लड़की को एम्स में शिफ्ट करने का अनुरोध किया लेकिन पुलिस उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गई। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने इस केस में त्वरित नहीं की।
राजनीति में उबाल
हाथरस गैंगरेप एवं मर्डर की घटना ने यूपी सहित देश की राजनीति में उबाल ला दिया है। राज्य की योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इस केस में पीड़िता दलित परिवार से है जबकि आरोपी कथित रूप से उच्च जाति से ताल्लुक रखते हैं। लड़की की मौत होने के बाद भीम सेना के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण अपने समर्थकों के साथ सफदरजंग अस्पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। इस घटना के बाद कांग्रेस, बसपा और सपा ने योगी सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
2012 में दिल्ली में पैरा-मेडिकल छात्रा से गैंगरेप
दिल्ली में दिसंबर 2012 में एक पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में पांच लोगों ने गैंगरेप किया। सामूहिक दुष्कर्म के दौरान आरोपियों ने छात्रा को यातनाएं दीं। गंभीर रूप से घायल लड़की को इलाज के लिए विदेश भेजा गया जहां उसने दम तोड़ दिया। गैंगरेप की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आक्रोशित लोगों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए देश भर में प्रदर्शन किया। एक आरोपी ने जेल में खुदकुशी कर ली जबकि चार आरोपियों को फांसी हुई। नाबालिग आरोपी अपनी सजा पूरी करने के बाद रिहा हो गया।