- लंबी बीमारी के बाद शनिवार रात हुआ था कल्याण सिंह का निधन
- पीएम मोदी ने लखनऊ पहुंचकर किए कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन
- बीजेपी के दिग्ग्ज नेता के निधन पर तमाम लोगों ने व्यक्त किया शोक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता सीएम कल्याण सिंह (Kalyan Singh Dies) का पार्थिव शरीर लखनऊ स्थित उनके आवास पर रखा गया है। पीएम मोदी (PM Modi) ने लखनऊ पहुंचकर दिवंगत कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने कल्याण सिंह के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी।
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'कल्याण सिंह जी को भगवान अपने चरणों में स्थान दे। इस दुख की कड़ी में भगवान उनके परिवार को इस दुख को सहने को शक्ति दें। इस दुख की घड़ी में प्रभु राम देशवासियों को भी दुख सहने की शक्ति दे।' इससे पहले लखनऊ के एयरपोर्ट पर पीएम की अगवानी के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रही।
पीएम ने जताया था दुख
इससे पहले पीएम मोदी ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा था, 'भारतीय संस्कृति की तरफ कल्याण सिंह के योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी आभारी रहेंगी। भारत की संस्कृति और सदियों से चली आ रही परंपरा पर कल्याण सिंह का बहुत गहरा भरोसा था।' गृहमंत्री अमित शाह ने भी कल्याण सिंह के निधन पर पार्टी और देश के लिए उनके त्याग उनके बलिदान को याद किया।
बीती रात ली अंतिम सांस
कल्याण सिंह ने बीती रात साढ़े नौ बजे लखनऊ के संजय गांधी पीजीआइ में कल्याण सिंह ने आखिरी सांस ली। बीते करीब चार जुलाई से 89 साल के कल्याण सिंह को तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालात बिगड़ने के बाद उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया लेकिन तबियत बिगड़ती चली गई और सांसों ने शरीर का साथ छोड़ दिया।
अंतिम इच्छा
बीजेपी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह का कई बार बीजेपी से मोह भंग भी हुआ लेकिन उनकी आखिरी इच्छा यही थी कि जब उनके जीवन का अंत हो बीजेपी के झंडे में लिपटकर इस दुनिया से जाएं। पुरुषोत्तम भगवान राम उनके कण-कण में बसे थे और जबतक जिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना देखा। उनकी एक और आखिरी ख्वाहिश ये थी कि वह भव्य राम मंदिर में दर्शन के बाद दुनिया से विदा लेना चाहते थे। कल्याण सिंह अपने पूरे जीवन काल में अयोध्या में राम मंदिर के सबसे मुखर पैरोकारों में एक रहे। उन्हें यूपी के बड़े हिंदूवादी नेताओं में से एक माना जाता था। वो तमाम मंचों से कहते रहे कि अयोध्या में राम मंदिर के स्थान पर ही विवादित ढांचा बना था।