संसद का मॉनसून सत्र स्थगित हो चुका है और अगर आप अपने नेताओं से पूछे कि उससे क्या मिला है। तो जवाब शायद उन्हें दिया न जाएं। हम बताते हैं -लोकसभा में इस बार महज 21 पर्सेंट प्रोडक्टिवटी रही। 96 घंटे का कुल काम होना था 74 घंटे तो हो ही नहीं सका। 19 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र की 17 बैठकों में महज 21 घंटे 14 मिनट का काम हुआ है। अब ऐसा नहीं हैं कि काम नहीं हुआ है तो बस घंटे गिनकर इसे निपटा दें। एक-एक घंटा जो वहां खर्च होता है उसका पैसा देश के खजाने से जाता है, आपकी जेब से जाता है। इस वीडियो में जानिए कि लोकसभा के इस सत्र में क्या और कितना काम हुआ साथ ही अबतक हुए पैसे की बर्बादी के बारे में।