- 6 घंटे चला सर्च ऑपरेशन
- 7 किमी जंगल के अंदर लापता हो गया था युवक
- जंगल के अंदर रोता हुआ मिला युवक, पुलिस को देखते ही लगाया गले
Jaipur News: जयपुर नाहरगढ़ अभ्यारण के जंगल में पार्टी करने गए पांच दोस्तों में से एक युवक खो गया। काफी तलाश करने पर भी नहीं मिलने पर अंधेरे होते देखकर दोस्त पूरी तरह घबरा गए। दोस्तों ने विश्वकर्मा थाने पहुंचकर पुलिस से मदद मांगी। एसएचओ सहित पुलिस की दो-तीन टीमों ने रात के अंधेरे में ड्रैगन लाइट लेकर जंगल के अंदर पहुंच गई। करीब 6 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाकर 7 किमी घने जंगल से लापता हुए युवक को ढूंढा। वह खंडर के पास बैठकर रोता हुआ मिला। जान बचाने आई पुलिस को देखते ही युवक गले लगाकर जोर-जोर से रोने लगा। पुलिस ने युवक को जंगल से बाहर बचाकर लाई।
एसएचओ विश्वकर्मा रमेश सैनी ने बताया है कि, डीसीएम अजमेर रोड निवासी नरेन्द्र अपने पांच दोस्तों के साथ पार्टी करने निकला था। नाहरगढ़ अभ्यारण के मायला बाग के जंगलों में सभी दोस्तों ने पार्टी की। शाम को करीब 6 बजे पार्टी कर बात करते हुए पैदल ही चार दोस्त जंगल से बाहर निकल के आ गए। लेकिन नरेन्द्र जंगल से बाहर नहीं आ सका। उसे फोन करने पर नेटवर्क की वजह से उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था। जंगल के अंदर घुसकर दोस्तों ने लगभग आधे घंटे तक नरेन्द्र को ढूंढा। अंधेरा होने पर नरेन्द्र को लेकर उनकी चिंता बढ़ने लगी। घबराए चारों दोस्त विश्वकर्मा थाने पहुंच गए।
पुलिस ने हथियारों से लैस होकर शुरू की सर्च ऑपरेशन
बता दें कि, एसएचओ रमेश सैनी को देखते ही दोस्त बोले- जानवर हमारे दोस्त को खा जाएंगे। जंगल में हम सभी पार्टी करने गए थे, साथ गया दोस्त नरेन्द्र खो गया। अंधेरा हो रहा है दोस्त को बचा लीजिए। एसएचओ रमेश सैनी ने तुरंत पुलिस की 3-4 टीमें तैयार कर लापता नरेन्द्र के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। जानवरों के हमले से बचने के लिए हथियारों से लैस होकर जंगल में पुलिस टीमें प्रवेश कर गईं। किसी वाहन के जाने का रास्ता नहीं होने पर पुलिस को पैदल ही जंगल में जाना पड़ा। ड्रैगन लाइट से फोकस मारने के साथ जोर-जोर से आवाज लगाकर नरेन्द्र की तलाश शुरू की गई।
सात किमी अंदर घुसने पर मिली सफलता
बता दें कि अंधेरे में ड्रैगन लाइट और आवाज देकर नरेन्द्र को ढूंढ रही पुलिस को लेपर्ड के हमले की भी शंका थी। रात करीब 9:30 बजे नरेन्द्र के मोबाइल पर नेटवर्क आने पर पुलिस का उससे कॉन्टैक्ट हो गया। कॉन्टैक्ट होने पर उसने बताया कि, वह एक खंडर के पास बैठा है। पुलिस ने किसी तरह उसकी लोकेशन मंगवाई। लोकेशन भेजने के साथ ही नरेन्द्र ने कहा उसके फोन में सिर्फ 4 प्रतिशत बैट्री बची है। पुलिस ने उससे कहा वह वहां से हिले नहीं, हम उसे बचने आ रहे है। 7 किमी घने जंगल में घुसने के बाद नरेन्द्र खंडर के पास चट्टान पर रोते हुए मिला। पुलिस को देखते ही भागकर एसएचओ रमेश सैनी को गले लगाकर जोर-जोर से रोने लगा। बोला- पुलिस ने तो मुझे दूसरी जिदंगी दी है। नहीं तो उसे जंगल में जानवर मारकर खा जाते। रात करीब 11:30 बजे पुलिस नरेंद्र को जंगल से सुरक्षित बाहर निकालकर ले आई।