लाइव टीवी

Green Food Canteen Kanpur: कानपुर में शुरू की गई देश की पहली ग्रीन कैंटीन, यहां के बर्तन है पूरी तरह से अलग

Updated Apr 02, 2022 | 22:30 IST

Green Food Canteen Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में देश की पहली ग्रीन कैंटीन की शुरूआत हो गई है। इस कैंटीन में इकोफ्रेंडली बर्तन होंगे, ये बर्तन गन्ने की खोई से तैयार किए गए हैं।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में ग्रीन कैंटीन तैयार
मुख्य बातें
  • कानपुर में देश की पहली ग्रीन कैंटीन शुरू
  • गन्ने की खोई से तैयार किए गए हैं बर्तन
  • पर्यावरण के प्रति लोगों में बढ़ेगी जागरूकता

Green Food Canteen Kanpur: कानपुर शहर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में देश की पहली ग्रीन कैंटीन बनकर तैयार हो गई है। संस्थान के निदेशक ने ग्रीन कैंटीन का शुभारंभ किया है। इस कैंटीन में उपयोग होने वाले बर्तन और सामग्रियां बॉयोडिग्रेडेबल हैं। इन प्लेट, चम्मच और गिलास समेत सभी बर्तन गन्ने की खोई व अन्य प्राकृतिक पदार्थों से तैयार किए गए हैं। बॉयोडिग्रेडेबल क्रॉकरी को बढ़ावा देना संस्थान का उद्देश्य है। साथ ही, लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का भी उद्देश्य है। वहीं, शहर के रेस्तरां संचालक भी पर्यावरण के बचाव के लिए ग्रीन रेस्तरां की शुरुआत करने पर विचार कर रहे हैं।

आपको बता दें कि, शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने कल्यानपुर स्थित केंद्र में इस ग्रीन कैंटीन का शुभारंभ किया है। कैंटीन में आए छात्र, अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षकों ने पहली बार ग्रीन कैंटीन में आनंद लिया। देश की पहली ग्रीन कैंटीन की हर तरफ चर्चा हो रही है। साथ ही, लोग क्रॉकरी की तारीफ भी कर रहे हैं।

45 दिन में बॉयोडिग्रेड हो जाएंगे ये बर्तन 
इस दौरान प्रो. नरेंद्र मोहन ने कहा कि, यह क्रॉकरी प्लास्टिक से ज्यादा सुंदर, थर्माकोल से ज्यादा मजबूत और पूरी तरह हाईजीनिक है। बताया जा रहा है कि, क्रॉकरी में गर्म या तरल खाना कोई रिएक्शन नहीं करेगा। साथ ही पेय पदार्थों के लिए मिट्टी के कुल्हड़ इस्तेमाल होगा। गन्ने की खोई व अन्य प्राकृतिक पदार्थों से तैयार यह बर्तन 45 दिन में बॉयोडिग्रेड हो जाते हैं। यानि आप अगर इसे फेंक देंगे तो यह मिट्टी में 45 दिन में पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। फिर यह खाद के रूप में काम करेंगे। 

पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए उठाए जा रहे हैं कदम
बताया जा रहा है कि, इस क्रॉकरी में ऐसा कुछ प्रयोग किया जा रहा है, जिससे यह मिट्टी में न सिर्फ बॉयोडिग्रेड हो बल्कि वहां आने वाले समय में एक पौधा भी तैयार हो जाए। इस दौरान प्रो. नरेंद्र मोहन ने कहा कि, पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, चीनी मिल और रेस्टोरेंट संचालकों से वार्ता कर एक पहल करने की कोशिश की जाएगी। चीनी मिलों से कहा जाएगा कि, गन्ने की खोई से क्रॉकरी तैयार करें, ताकि रेस्टोरेंट संचालक प्लास्टिक की प्लेटों के बजाए इसी का इस्तेमाल करें। 
 

Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।