- अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही बनेंगे छह साल तक के बच्चों के आधार कार्ड
- बाल विकास परियोजना अधिकारी और मुख्य सेविका को दी जिम्मेदारी
- जिले की सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर का होगा टेस्ट
Kanpur Aadhar Card: कानपुर में जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं, उनके लिए यह खबर जरूरी है। कानपुर में अब आंगनबाड़ी केंद्र जाने वाले छह साल तक के बच्चों के आधार कार्ड केंद्र में ही बनाए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी बाल विकास परियोजना अधिकारी और मुख्य सेविका को दी गई है। उन्हें ट्रेनिंग देकर कंप्यूटर और टैबलेट दिए जाएंगे। कानपुर जिले में बाल विकास विभाग की 20 परियोजनाएं काम कर रही हैं।
इसके तहत 2,200 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। केंद्रों पर आने वाले अधिकतर बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है। इसे देखते हुए निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को आदेश जारी किया है।
सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर का लिया जाएगा टेस्ट
इसके लिए शासन स्तर पर जिले की सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर का टेस्ट लिया जाएगा। जो पास होगा उन्हें कंप्यूटर और आधार बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि, जिले में कंप्यूटर और प्रिंटर उपलब्ध कराया जा चुका है, जल्द प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद आधार कार्ड केंद्र पर बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
यूआईडीएआई ने बच्चों का आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया को किया आसान
आपको बता दें कि, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बच्चों का आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया को और भी सरल और आसान कर दिया है। इसका मकसद है कि, लोग अपने बच्चों का आधार कार्ड आसानी से बनवा सकें इसलिए नियमों को सरल किया गया है। याद रहे कि, यूआईडीएआई पांच साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड भी जारी करता है। बच्चों का आधार बनने वाले के लिए उसकी माता और पिता का आधार कार्ड जरूर होना चाहिए। वहीं, बच्चे के पास अगर बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, तो भी उसका आधार कार्ड बन सकता है, बस बच्चे के माता-पिता को अस्पताल से डिस्चार्ज स्लिप दिखानी होगी। इसे दिखाने पर ही बच्चे का आधार कार्ड बन जाएगा। आपको बता दें कि, बच्चों को नीले रंग का बाल आधार जारी होता है।