Kanpur Violence मामले में गिरफ्तार हुए जफर हाशमी (Jafar Hashmi) के कई मेंबर PFI के Hit Squad सक्रिय मेंबर भी थे इस स्क्वॉड के सदस्यों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई थी। एम ए जौहर एसोसिएशन के अध्यक्ष जफर हयात हाशमी से जो दस्तावेज मिले हैं उसके मुताबिक ये जानकारी सामने आई है।
कानपुर हिंसा मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री भी हो चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय की ये एंट्री कानपुर हिंसा में हुए हवाला ट्रांजेक्शन के मद्देनजर हुई है। हवाला का ट्रांजेक्शन करने का आरोप किस पर लगा... और कैसे इस हवाला ट्रांजेक्शन को लेकर PFI जांच एजेंसी के रडार पर है..हर डिटेल अब हम आपको देंगे।
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कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात हाशमीइस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है...और इस हिंसा में हयात के साथ साथ एक और नाम सामने आ रहा है वो है, अंशाद बसुदीन का...जब आप इस अंशाद बसुदीन के बारे में जानेंगे...तो आपको कानपुर हिंसा में ED की एंट्री का मतलब भी समझ आ जाएगा।
अंशाद बसुदीन कानपुर में PFI से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, अंशाद बसुदीन कानपुर हिंसा में गिरफ्तार किया जा चुका है, कानपुर हिंसा से पहले अंशाद बसुदीन के खाते में PFI ने पैसे भेजे थे, अंशाद बसुदीन को एक करोड़ रुपये मास्ट ट्रेडिंग की आड़ में भेजे गए थे
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अंशाद बसुदीन को PFI से ये पैसे हवाला के जरिए भेजे गए थे...बड़ी बात ये है कि मास्टरमाइंड हाशमी अंशाद के संपर्क में था। हयात को फंडिंग और कहां कहां से हुई ये भी आपको जानना चाहिए-
- साल 2019 में हयात को विदेश से 3.54 करोड़ की फंडिंग हुई
- हयात के जौहर एसोसिएशन के लिए फंड जमा किए गए
- 2021 में हयात ने इस खाते से एक बार में 98 लाख रुपये निकाले थे
- अभी इस खाते में एक करोड़ 27 लाख रुपये पड़े हैं
इसी तरह से 2019 में खोले गए दो और खातों की जानकारी जांच एजेंसियों को मिली है। इन दो खातों में महज दो तीन साल में ही कई करोड़ रुपयों का लेन देन हुआ जबकि अब इन खातों में महज साढ़े 11 लाख रुपये ही बचे हुए हैं... अब सवाल ये है कि हयात के खाते में किन अकाउंट से ये पैसे आए ? हयात को विदेश से पैसे किसने भेजे... और क्यों भेजे...और सवाल ये भी कि हयात के खाते से फिर ये पैसे कहां ट्रांसफर हुए? इस फंडिंग में PFI का रोल क्या है, ये भी जानना जरूरी है...
PFI दलील दे रही है कि उसे फंसाने की कोशिश हो रही है लेकिन इन सवालों के जवाब शायद उसके पास नहीं...और इसीलिए कानपुर हिंसा मामले में सच का पता लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो चुकी है।