- कानपुर में बिकरू गांव में हुए मुठभेड़ का आरोपी शशिकांत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
- शशिकांत, विकास दुबे का सहयोगी है
- मुठभेड़ के दौरान लूटी गई पुलिस की एके-47 रायफल व 17 कारतूस, इंसास रायफल और 20 कारतूस बरामद किए गए हैं
लखनऊ/कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू गांव में मुठभेड़ में डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ के आरोपी 50 हजार के इनामी शशिकांत को कानपुर पुलिस ने मंगलवार (14 जुलाई) को गिरफ्तार किया है। इसके साथ पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान लूटी गई पुलिस की एके-47 रायफल व 17 कारतूस, इंसास रायफल और 20 कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ में लूटे गए सभी हथियार बरामद कर लिए गए हैं। पूछताछ में शशिकांत ने बताया कि लूटा गया असलहा अपने और विकास दुबे के मकान में विकास दुबे के कहने पर छिपा दिया था। एडीजी ने बताया कि इसकी निशानदेही पर विकास दुबे के घर से एके-47 और 17 कारतूस तथा शशिकान्त से घर से इंसास रायफल, 20 कारतूस बरामद किया गया।
आरोपी शशिकांत की पत्नी की फोन ऑडियो कॉल....
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी शशिकांत की पत्नी की फोन ऑडियो कॉल से वारदात की सच्चाई और सामने आ गई। मुठभेड़ में पुलिस वाले को मारने के बाद विकास दूबे अपने सहयोगियों के साथ से भाग गया। उसके बाद शशिकांत की पत्नी ने अपने रिश्तेदार को फोन कर पूरी बात बताई। उसने कहा कि मेरे घर के बाहर दो पुलिस वाले और आंगन में एक पुलिस वाला मरा हुआ है। साथ ही उनसे कहा कि पुलिस वालों को विकसा भैया ने मारा है। इससे और साफ पता चलता है विकास दूबे गैंग कैसे बेरहमी से पुलिसवाले को मारा है। शशि की पत्नी ने बात करने वाले से कहा कि मोबाइल स्विच ऑफ करके छुपा दे रहे हैं। इस पर बात करने वाले ने कहा कि ये वाले नंबर डिलीट कर दो। तुम बताना कि मुझे इस घटना के बारे में पता नहीं है। साथ ही उसने कहा कि तुम बता देना कि मैं घर के अंदर थी। मुझे नहीं पता कि ये सब कैसे हुआ। फोन बंद करके बैटरी हटा दो।
शशिकान्त रात दो बजकर 50 मिनट पर गिरफ्तार
एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कानपुर में मीडिया को बताया कि मंगलार को एसओजी टीम, शिवराजपुर और रेल बाजार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा वांछित अभियुक्त 50,000 रुपए का इनामी आरोपी शशिकान्त उर्फ सोनू पांडेय पुत्र प्रेम कुमार पांडेय उर्फ रामाराम निवासी ग्राम बिकरू थाना चौबेपुर को रात दो बजकर 50 मिनट पर मेला तिराहा कस्बा चौबेपुर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में उसने घटना में अपनी संलिप्तता के साथ विकास दुबे, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार, प्रभात मिश्रा, बउअन, हीरु, शिवम, जिलेदार, रामसिंह. रमेशचन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल , श्यामू बाजपेयी, राजेन्द्र मिश्रा, बालगोविन्द दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री आदि लोगों का सम्मिलित होना बताया।
21 नामजद आरोपियों में से चार अभियुक्त गिरफ्तार
बिकरू पुलिस मुठभेड़ में नामित 21 नामजद आरोपियों में से चार अभियुक्त गिरफ्तार किए गए है, छह अभियुक्त अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ मे मारे गए है। उन्होंने कहा कि अभी 11 नामजद अभियुक्त की तलाश की जा रही है। पुलिस के एक बयान के मुताबिक फरार अभियुक्तों में दो गोपाल सैनी और हीरू दुबे पर 1-1 लाख का इनाम घोषित है जबकि बाकी 9 आरोपियों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित है जिसमें छोटू शुक्ला, शिव तिवारी, राम सिंह, रामू बाजपेयी, शिवम दुबे, बाल गोविंद, भुवन शुक्ला, विष्णु पाल यादव और मोनू शामिल हैं। मुख्य अभियुक्त विकास दुबे 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने के बाद भागने के प्रयास में पुलिस और एसटीएफ की मुठभेड़ में मारा गया था।
विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला, 8 पुलिसकर्मी हुए थे शहीद
गौर हो कि दो-तीन जुलाई की मध्य रात्रि मे कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी अपराधी विकास दुबे को पकड़ने उसके गांव पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें डीएसपी, थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद गये थे। मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हो गए थे। हत्या के बाद सरकारी असलहा लूट लिया था। इस संबंध में थाना चौबेपुर पर मुकदमा रजिस्टर्ड किया गया था तथा आरोपियों की गिरफ्तारी व लूटे हुए हथियारों की बरामदगी के लिए एसएसपी कानपुर नगर द्वारा एसपी पश्चिमी व एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में कई टीमें गठित की गई थीं।
विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत से पहले दो सहयोगी मारे गए
विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत से पहले तीन जुलाई की सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में कानपुर के पास दुबे के कथित सहयोगी प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गए थे। जबकि आठ जुलाई को पुलिस ने हमीरपुर के मौदहा में 50,000 के इनामी बदमाश अमर दुबे को मार गिराया था। 9 जुलाई को विकास दुबे के दो और कथित सहयोगी कार्तिकेय उर्फ प्रभात और प्रवीण उर्फ बउवा दुबे कानपुर और इटावा में अलग-अलग मुठभेड़ों में पुलिस की गोली से मारे गए थे।